किरंदुल में गैरों पर सितम अपनों पर करम क्या सच में प्रशासन ने गांधारी की तरह आंखों पर बांध रखी है पटि्टयां

किरंदुल से ब्यूरो चीफ अनिल सिंह भदौरिया की रिपोर्ट

किरंदुल-कोरोना वायरस संक्रमण के दुष्प्रभाव को बढ़ने से रोकने के लिए प्रशासन के द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का किरंदुल नगर पालिका के द्वारा आयोजित भूमि पूजन कार्यक्रम में खुलेआम उल्लंघन किया गया था भूमि पूजन आयोजित कार्यक्रम में शामिल नगर पालिका अध्यक्ष कुछ पार्षद एवं शासकीय कर्मचारियों ने फेस मास्क सोशल डिस्टेंसिंग जैसी महत्वपूर्ण सावधानियों का उल्लंघन किया था एवं फोटो खिंचवाने की चाहत में सारे नियमों को दरकिनार करते हुए कार्यक्रम में भीड़ इकट्ठा की थी कोरोना वायरस संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉक डाउन का छत्तीसगढ़ में सख्ती से पालन करवाया जा रहा था प्रदेश की सीमाओं पर तैनात पुलिस प्रशासन इतनी मुस्तैदी से इतनी शक्ति से नियमों का पालन करवा रहा था की पड़ोसी राज्यों से इलाज के लिए छत्तीसगढ़ आने वाले मरीज छत्तीसगढ़ की सीमाओं पर दम तोड़ रहे थे आप सभी को याद होगा कि मध्य प्रदेश के उमरिया जिले से हृदय रोग के मरीज सेवानिवृत्त शिक्षक इलाज के लिए बिलासपुर आ रहे थे उनके पास अनुमति संबंधित सभी दस्तावेज मौजूद थे लेकिन उसके बाद भी सीमा पर उन्हें काफी देर तक रोक लिया गया था जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर की उनकी मौत हो गई थी प्रशासन की सख्ती की वजह से जनता के मन में खौफ समा चुका था और वह लॉकडाउन के नियमों का पूरी इमानदारी से पालन कर रही थी सड़कों पर निकलने वाले बड़े बूढ़े बच्चे पर भी पुलिस ने लाठियां बरसाई थी इस दौरान क्षेत्र के जनप्रतिनिधि अपने घरों में रहकर लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की अपील करते थे जब जनता को मदद की जरूरत थी तब जनप्रतिनिधियों के द्वारा लॉकडाउन के नियमों का ईमानदारी से पालन करने की अपील को जनता भी मान रही थी लेकिन अब जैसे-जैसे कोरोना वायरस संक्रमण का दुष्प्रभाव रायपुर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में बढ़ता जा रहा है जब प्रशासन की जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी इस वायरस के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए बढ़ती जा रही है ऐसे समय में नगर पालिका अध्यक्ष किरंदुल और वहां के शासकीय अधिकारी भूमि पूजन जैसे कार्यक्रम में महत्वपूर्ण सावधानियों का खुलेआम उल्लंघन करके अपनी ओछी मानसिकता का परिचय दे रहे हैं कोरोना वायरस संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान सभी धर्मों के प्रमुख त्योहार एवं आजादी का पर्व स्वतंत्रता दिवस भी नियमों का पालन करते हुए ऐसे मनाया गया जैसा कभी किसी ने सोचा भी नहीं था लेकिन किरंदुल नगर पालिका के द्वारा आयोजित भूमि पूजन कार्यक्रम शायद सभी धर्मों के प्रमुख त्योहारों एवं देश की आजादी के पर्व स्वतंत्रता दिवस से भी महत्वपूर्ण एवं बड़ा था शायद इसीलिए इस कार्यक्रम में सारे नियम कानूनों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई और बेशर्मी की हद पार करते हुए बिना मास्क लगाए बिना सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल की गई
*गैरों पर सितम अपनों पर करम क्या सच में प्रशासन ने गांधारी की तरह आंखों पर बांध रखी है पटि्टयां*-लॉकडाउन के दौरान आम जनता जरूरी काम से भी यदि घर से बाहर निकलती थी तो पुलिस उसके ऊपर धारा 188 के तहत मुकदमा कायम करती थी शादी विवाह अंतिम यात्रा इत्यादि पर भी शासन का प्रतिबंध था और उपस्थित होने वाले लोगों की संख्या निर्धारित थी आम जनता के घर में शादी विवाह के दौरान भी पुलिस पहुंच कर ठोस एवं निष्पक्ष कार्यवाही करती थी खुशी के दौरान भी आम जनता को पुलिस कार्यवाही का सामना करना पड़ता था किसी की मौत हो जाने पर यदि अंतिम यात्रा में शासन के नियम से अधिक लोग शामिल होते थे वहां भी पुलिस पहुंचकर कार्यवाही करती थी लेकिन जिस प्रकार से किरंदुल नगरपालिका के भूमि पूजन कार्यक्रम में शासन के सारे नियमों की खुलेआम धज्जियां नगर पालिका अध्यक्ष शासकीय अधिकारी कर्मचारी एवं कुछ पार्षदों की मौजूदगी में उड़ाई गई उस पर कार्यवाही करने के लिए जिले के वरिष्ठ अधिकारी दोहरा मापदंड अपना रहे हैं ऐसा लगता है जिले के वरिष्ठ अधिकारी गांधारी की तरह आंख होते हुए भी आंखों पर पट्टी बांधने का स्वांग रच रहे हैं इस संबंध में जब एसडीएम प्रकाश भारद्वाज से चर्चा करते हुए उन्हें जानकारी दी गई तो उन्होंने सिर्फ इतना कह कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली की कारण बताओ नोटिस जारी करेंगे फिर देखते हैं क्या कार्यवाही होती है वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ में दशकों के बाद सत्ता में लौटी कांग्रेश की सरकार जनता के भलाई के लिए समर्पित होने की बात कहती है लेकिन जिस प्रकार से कांग्रेसी नेता सत्ता के मद में खुलेआम नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं उससे प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की साख पर बट्टा लग रहा है जिला प्रशासन को जिले की जनता को यह विश्वास दिलाना होगा की नियम सभी के लिए बराबर होते हैं कहा जाता है कानून अंधा होता है लेकिन जिस प्रकार से किरंदुल नगर पालिका के भूमि पूजन कार्यक्रम में खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई गई उसे देख कर क्षेत्र की जनता चर्चा करती है कानून सिर्फ अंधा ही नहीं गूंगा और बहरा भी हो चुका है
तो क्या जिले के लोकप्रिय कलेक्टर कायम करेंगे मिसाल-किरंदुल नगर पालिका के द्वारा आयोजित भूमि पूजन कार्यक्रम में जिस प्रकार से नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई इस मामले पर एसडीएम प्रकाश भारद्वाज ने तो नोटिस जारी करने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया उन्होंने हमारे प्रतिनिधि अनिल सिंह भदोरिया को यह बताने की भी जहमत नहीं उठाई कि आखिर किसे नोटिस जारी करेंगे कब करेंगे और उसके बाद क्या कार्यवाही होगी छोटी सी गलती पर आम जनता के ऊपर धारा 188 का मुकदमा कायम होता था यहां तो शासन के सारे नियमों की धज्जियां उड़ा दी गई जिले के लोकप्रिय कलेक्टर को जिले की जनता का विश्वास जीतने के लिए उन्हें यह भरोसा दिलाने के लिए की नियम कानून सभी पर एक समान लागू होते हैं इसलिए उन्हें नियम कानून तोड़ने वालों पर ठोस एवं निष्पक्ष कार्यवाही करते हुए मिसाल कायम करनी चाहिए
सत्ता से बाहर होते ही भाजपा नेता भूल गए अपना धर्म-राजनैतिक मामलों में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा शुरुआत से ही कांग्रेस पार्टी का खुलकर विरोध किया जाता है लेकिन छत्तीसगढ़ में सत्ता जाने के बाद से भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधि एवं वरिष्ठ नेता अपना धर्म भूल कर आराम फरमा रहे हैं लॉक डॉउन के दौरान आम जनता पर ठोस एवं निष्पक्ष कार्यवाही हो रही थी लेकिन अब जिस प्रकार से कांग्रेसी नेताओं के द्वारा सत्ता का नाजायज लाभ उठाते हुए नियम कानूनों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं उस पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं वरिष्ठ नेताओं की चुप्पी समझ से परे है ऐसा लगता है सत्ता जाने के बाद आराम फरमाने का लुत्फ उठा रहे है।

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