खबर प्रकाशित होने के बाद 24 लाख का तालाब निर्माण जांच के दायरे में, ठोस एवं निष्पक्ष जांच से बेनकाब हो जाएंगे भ्रष्टाचारी

किरंदुल से ब्यूरो चीफ अनिल सिंह भदौरिया की रिपोर्ट

बचेली – दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा वन परिक्षेत्र बचेली के अन्तर्गत कुआकोन्डा ब्लाक हिरोली क्षेत्र मे तीन गाव के लोगो ने श्रमदान कर तालाब निर्माण किया था। जिसमे वन विभाग के कुछ चतुर और चालाक अधिकारीयो ने विभागीय दस्तावेजो मे चौबीस लाख का तालाब निर्माण कर सभी को सकते में डाल दिया। वन विभाग मे लाखो का हेरफेर के मामले को लेकर कुछ दिनो पूर्व अखबारो ने प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था।
इसे खबर का असर कहें है या चौबीस लाख की बड़ी रकम
जिसे सुनकर प्रशासन इस मामले को गम्भीरता दिखाते हुये जाच के आदेश मे लिया।
अब देखना यह है कि इस मामले में नतीजा कब तक निकल कर आता है।
बिल्कुल 6 महीना तक काम चला है – खबर को लेकर हमारे द्वारा साहब का ही पक्ष रखने हेतु दूरभाष मे सम्पर्क किया गया। लेकिन मोबाईल उठाना भी जरुरी नही समझे परन्तु खबर प्रकाशित होने के बाद दूसरे दिन पूर्व वन परिक्षेत्र अधिकारी रथराम पटेल ने हमसे स्वंय ही मोबाईल कर वार्तालाप पे पक्ष रखते हुये बताया की विभाग द्वारा वहां बोल्डर गिराया गया है अगर यकीन ना हो तो बड़े कमेली के ट्रेक्टर मालिक राजू तामो से पूछ लो जहाँ तालाब का काम पैसा देकर ही गांव वाले से करवाएं है। बाकी ट्रैक्टर से करवाएं, यह काम हमने ही कराया है वहां बीड गार्ड रह करके 6 महीना काम कराया है, उसी गांव वालों ने ही बोल्डर पत्थर तोड़ा है। तालाब में 2 साल से पानी भरा था इसी साल ही डैमेज हुआ है। मतलब साफ है गुणवत्ताहीन तालब का निर्माण चौबीस लाख में करवाया गया था। आगे समझदार के लिए इशारा काफी है।
पटेल साहब ने अपने पक्ष को और मजबूती से रखते कहा 2 साल का फोटो आज भी मेरे पास आज भी उपलब्ध है।
उपवनमण्डलाधिकारी दंतेवाड़ा – मोहन नायक के अनुसार मैं अभी-अभी पदस्थ हुआ हूं और इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है अभी फिलहाल जांच करने की बात कही गई है उनका कहना है कि उच्च अधिकारियों के द्वारा जांच के आदेश निकल गए हैं इसलिए मैं कुछ नहीं कह सकता देखना पड़ेगा कि उनके कार्यकाल में टेंडर पर कितनी रकम भरी गई थी, कितना भुगतान किया गया है, कितने लोग काम किए, कितना काम करवाया गया है, यह सब देखना पड़ेगा उसके बाद ही हम कुछ जवाब दे पाएंगे।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार खबर प्रकाशित होने के बाद विभागों में खलबली मच गई है। माना जा रहा है कि विभाग के कुछ अधिकारी इस हेरफेर के मामले को लीपापोती करने का काम कर रहे हैं। हमारी जानकारी के अनुसार एक ट्रेक्टर उस तालाब मे वन विभाग ने लगाया था उस ट्रेक्टर मालिक राजू तामो बड़े कमेली आयतू पारा ने बताया की मात्र दो दिन ही गाड़ी चली है। आठ सौ रूपये प्रती ट्रिप के हिसाब से लगभग 8 गाड़ी बोल्डर ढुलाई किया है। जिसका कि आज भी भुगतान बाकी है पटेल साहब का तो यहां से तबादला हो गया अब पैसा मिलेगा या नहीं मालूम नहीं।

इनका कहना है

इस मामले में  एस डी ओ का कहना है कि शासन के द्वारा पेमेंट हर माह दिया जा रहा है अगर उन्हें संतुष्ट नहीं है तो क्या किया जा सकता है शेष जांच के दौरान. पता चलेगा

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