पीएम मोदी के ड्रीम प्रॉजेक्‍ट में भ्रष्‍टाचार, जांच के आदेश

विकास पाठक, वाराणसी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में करीब तीन अरब यानी 300 करोड़ की लागत वाले हस्‍तकला संकुल और शिल्‍प संग्रहालय के निर्माण में की परत खुलने लगी है। दो साल के अंदर ही संकुल की छत 150 जगह से टपकने लगी है और फॉल्‍स सीलिंग उखड़कर गिर रही है। कई जगह दीवारें भी खराब हो रही हैं ऐसे में संग्रहालय में डिस्‍प्‍ले में लगी सौ साल से भी ज्‍यादा पुरानी एक से बढ़कर एक बनारसी साड़ियों और हस्‍तशिल्‍प के बेजोड़ उत्‍पादों पर संकट मंडराने लगा है। वस्त्र मंत्रालय ने निर्माण की गुणवत्ता के के दिए हैं। आईआईटी रुड़की के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के विशेषज्ञों को जांच का जिम्‍मा सौंपा गया है।

सांसद बनने के बाद नवम्‍बर 2014 में पहली बार बनारस आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा लालपुर में आयोजित समारोह में बुनकरों को बनारसी साड़ी के बड़े बाजार का सपना दिखाने संग चुनावी वादा पूरा करने के लिए ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर (हस्‍तकला संकुल और संग्रहालय) की आधारशिला रखी थी। 32,000 वर्ग मीटर एरिया में करीब 300 करोड़ की लागत से तीन साल में बनकर तैयार हुए सेंटर का लोकार्पण भी सितम्‍बर 2017 में प्रधानमंत्री ने किया और इसे पं. दीनदयाल हस्‍तकला संकुल नाम दिया। तब से यहां बड़े आयोजन के साथ कई देशों के प्रमुखों के दौरे हो चुके हैं।

नैशनल बिल्डिंग कंस्‍ट्रशन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) और टाटा प्रॉजेक्‍ट लिमिटेड द्वारा बनवाए गए संकुल भवन में शुरुआती दौर में तो सबकुछ ठीक दिखा, लेकिन पिछले महीने हुई जोरदार बारिश ने गुणवत्ताहीन निर्माण की पोल खोलकर रख दी है। जगह-जगह पानी टपकने से और फॉल्‍स सीलिंग टूटने से बनारस से दिल्‍ली तक हडकंप मचा है। वस्‍त्र मंत्रालय के निदेशक एस.के. ओझा ने बताया कि सीपेज से फॉल्‍स सीलिंग काफी हद तक खराब हो गई है। यहां तक कि बेसमेंट में बने सीसीटीवी कंट्रोल रूम में पानी चूने से से कैमरों का संचालन और इलेक्ट्रिक सप्‍लाई बंद करनी पड़ी थी।

आईआईटी को पत्र भेजा
प्रधानमंत्री के में गड़बड़ी को वस्‍त्र मंत्रालय ने गंभीरता से लेते हुए आईआईटी के सिविल इंजिनियरिंग विभाग को पत्र लिखकर निर्माण कार्यों की गहन जांच करने को कहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आईआईटी के प्रफेसर उमेश कुमार की अगुवाई में विशेषज्ञों की टीम जांच करेगी। बता दें कि संकुल के उद्घाटन के पहले वस्‍त्र मंत्रालय के तत्‍कालीन सचिव अनंत कुमार सिंह ने निरीक्षण के दौरान निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठाया था। वस्‍त्र मंत्रालय ने इसी कारण अभी टाटा प्रॉजेक्‍ट लिमिटेड को डिफेक्‍ट लायबिलिटी सर्टिफिकेट जारी नहीं किया है।

Source: UttarPradesh

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