भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान का बीसीसीआई का अध्यक्ष बनना तय नजर आ रहा है। सौरभ के अलावा इस पद के लिए और दूसरा दावेदार नहीं है ऐसे में उनका निर्विरोध चुना जाना लगभग तय है। हालांकि गांगुली इस पद पर सिर्फ 10 महीने के लिए रहेंगे और उसके बाद उन्हें बीसीसीआई के नए संविधान के मुताबिक गांगुली को तीन साल के कूलिंग पीरियड पर जाना होगा। इसके बाद से ही कयास लगाए जाने शुरू हो गए थे कि उनका अगला पड़ाव राजनीति हो सकती है। खबरें हैं कि गांगुली को भारतीय जनता पार्टी बंगाल में अपना चुनावी चेहरा बना सकती है। हालांकि खुद गांगुली ने इस बात से इनकार किया है।
मंगलवार को कोलकाता में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान पूर्व कप्तान ने इन सब बातों को खारिज किया। गांगुली ने कहा, ‘मैं से पहली बार ही मिला। न तो मैंने उनसे बीसीसीआई में किसी पद के बारे में बात की और न ही कोई ऐसी चर्चा हुई आपको यह तब मिलेगा जब आप यह करने को राजी होंगे।’ गांगुली ने कहा कि राजनीति को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। इससे पहले, सोमवार को नामांकन दायर कर बाहर निकलने के बाद भी गांगुली ने किसी राजनीतिक दखल की बात को खारिज किया था।
क्या कहा था गांगुली ने
गांगुली से जब पूछा गया था कि क्या वह 2021 में बीजेपी का बंगाल में चेहरा होंगे, गांगुली ने कहा, ‘कोई राजनेता मेरे संपर्क में नहीं है और यही हकीकत है। जहां तक ममता दीदी की बात है तो मैं उनका बधाई संदेश पाकर काफी खुश हूं।’ लेकिन एक हकीकत यह भी है कि गांगुली अमित शाह, अनुराग ठाकुर और हेमंत बिस्वा शर्मा से मिले हैं।
बंगाल में बीजेपी का चेहरापश्चिम बंगाल में 2021 में चुनाव होने हैं और यह भी कहा गया कि गांगुली तब राज्य में बीजेपी का चेहरा हो सकते हैं। हालांकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस तरह की किसी डील से इनकार किया है।
बीजेपी का साथ47 वर्षीय गांगुली को केंद्रीय मंत्री और पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और असम के बीजेपी नेता हेमंत बिस्वा सरमा का भी साथ मिला। बीजेपी का साथ जिस तरह गांगुली को मिला, उससे कई अटकलें लगाई जा रही हैं। गांगुली ने एक फोटो भी ट्विटर पर शेयर किया जिसमें वह अनुराग ठाकुर के साथ नजर आ रहे हैं। उन्होंने बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष को धन्यवाद भी दिया।
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