बस्ती के रिक्शा चालक रहमान, जो कविता लिखकर वर्षों से कर रहे हैं राम मंदिर निर्माण की दुआ

अयोध्या
अयोध्या में रामजन्मभूमि को लेकर में सुनवाई पूरी होने के बीच बस्ती जिले के एक रिक्शा चालक राम मंदिर निर्माण के लिए कविताओं के जरिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में जुटे हुए हैं। इंटर तक पढ़ाई के बाद से ही सामाजिक विषयों पर कविता लिखने का शौक रखने के वाले रिक्शा चालक रहमान अली अब राम मंदिर के निर्माण के मुद्दे पर कविताओं के जरिए अपनी अभिव्यक्ति करने में जुटे हैं।

कई कवि सम्मेलनों का हिस्सा बन चुके रहमान पूर्व में कारगिल युद्ध पर लिखी अपनी पंक्तियों के कारण प्रसिद्ध हो चुके हैं। वहीं अयोध्या के मसले पर हाल ही में उनकी लिखी पंक्तियों ‘मांग ली रब से मन्नत तुम्हारे लिए, दो बना भव्य मंदिर हमारे लिए, हम भी पूजा करें तुम इबादत करो, नेक राहों पर चलकर सबका स्वागत करो।’ ने लोगों की प्रशंसा हासिल की है।

बस्ती शहर के बड़ेवन इलाके में रहने वाले रहमान तीन बच्चों के पिता हैं और बीते चार दशक से वह रिक्शा चलाकर अपने घरवालों का भरण पोषण करते हैं। रहमान साहित्य के प्रेमी हैं और उनके इस कविता प्रेम को पहला मुकाम साल 2005 में मिला था। बस्ती रेलवे स्टेशन पर अपनी कविता गुनगुना रहे रहमान को उस साल हास्यव्यंग्य के कवि रामकृष्ण लाल ने गणतंत्र दिवस के दिन एक साहित्य सम्मेलन में आमंत्रित किया।

50 से अधिक कवि सम्मेलनों में लिया हिस्सा
इसके बाद रहमान कई कवि सम्मेलनों के मंच का हिस्सा बनते रहे। इन कवि सम्मेलनों में रहमान ने ना सिर्फ देश के वीर जवानों पर लिखी कविताओं का मंचन किया, बल्कि राम मंदिर निर्माण के लिए मांगी दुआओं के शब्द कविताओं के रूप में व्यक्त भी किए। रहमान अब तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों सहित देश के 50 से अधिक कवि सम्मेलनों में अपनी कविताओं को सुना चुके हैं।

मदद मांगकर कविताओं की छपाई किताब
गरीब रिक्शाचालक रहमान अली का राष्ट्र प्रेम काबिले तारीफ है। कारगिल युद्ध में पाकिस्तान की हार,भारत की विजय पर उन्होंने लिखा ‘झुकाया दुश्मन का है ताज कारगिल जीत कर,तूने रखी है वतन की लाज कारगिल जंग जीतकर।’ अपनी कविताओं की एक किताब छापने के लिए उन्होंने लोगों से मदद मांगने में गुरेज नहीं किया। सौ-दो सो रुपए से लेकर हजार-दो हजार तक की मदद मिलने के बाद उन्होंने ‘बोल उठा हिंदुस्तान’ शीर्षक से किताब भी प्रकाशित कराई।

Source: UttarPradesh

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