असम(शिवसागर)।कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय कल राहुल गांधी के असम दौरे के ठीक पहले आज भारत चीन सिमा विवाद पर किये मोदी सरकार की समझौते को लेकर बड़ा बयान दिया है और कहा है लोकसभा में राहुल गांधी द्वारा देश के समक्ष मोदी सरकार को लेकर सवाल खड़ा करने के डर से केन्द्र सरकार ने हड़बड़ी में जिस क्षेत्र पैगोंग में भारत की स्थिति मज़बूत थी उसे वहां से हटने के समझौते के साथ ही बाकी सेक्टर्स को लेकर चीन को छूट दे दी है। विकास उपाध्याय ने कहा,ऐसा लगता है कि सर्दियों से पहले चीन ने जो शर्तें रखी थीं भारत ने उसे मान लिया है।
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बाद आज असम में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने चीन के साथ हुए भारत के उस समझौते पर सवाल उठाए हैं जिसमें भारत ने अपने अधिकार क्षेत्र वाले पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिणी तट पर 10 किलोमीटर चौड़े बफ़र ज़ोन को बनाने के लिए सहमति दे दी है। विकास उपाध्याय का बयान आज उस समय आया है जब कल राहुल गांधी का असम दौरा प्रस्तावित है। विकास उपाध्याय ने कहा, मोदी सरकार राहुल गांधी द्वारा पूछे जाने वाले सवालों को लेकर इस कदर डरने लगी है की उसे इस बात को लेकर चिंता हो गई थी कि लोकसभा के अंदर यदि राहुल गांधी भारत चीन के सिमा विवाद को लेकर सवाल पूछ लिया तो क्या जवाब दिया जाए और हड़बड़ी में उस समझौते पर चीन को सहमति दे दी जहाँ (पैगोंग इलाके) में भारत सबसे मजबूत स्थिति में थी।
विकास उपाध्याय ने कहा,डेपसांग और कुछ अन्य सेक्टरों में भी डिस्इंगेजमेंट को लेकर भारत को चीन पर दबाव बनाना चाहिए था और ऐसा नहीं करके भारत ने बहुत बड़ी चूक कर दी है। उन्होंने आगे कहा,यह वही क्षेत्र है, जहां माना जाता है कि चीन की सेना भारत के अधिकार वाले क्षेत्र में 18 किलोमीटर तक अंदर प्रवेश कर गई है। जबकि जिस क्षेत्र में समझौता हुआ है दक्षिणी पैंगोंग ही एकमात्र ऐसी जगह थी जहाँ भारतीय सेना अच्छी पोज़िशन पर थी और चीन की सेनाओं की तुलना में इस जगह पर भारतीय सेना की स्थिति काफी अच्छी थी और यहां पर सारी एडवांटेज भारतीय सैनिकों के पास थी और अगर चीन ये बात नहीं मानता है कि बाकी जगहों से भी डिस्इंगेजमेंट करना है और वो उससे इनक़ार कर दे तो हमारे पास अब कोई विकल्प नहीं बचता है।
विकास उपाध्याय ने प्रधानमंत्री मोदी के साल 2020 में कही गई उस बात पर तंज कसते हुए कहा,जब कोई आया नहीं और कोई गया नहीं तो इस समझौते के बाद कौन पीछे जा रहा है। जबकि तब वास्तविकता ये थी की आर्मी चीफ नरवणे ने सैनिकों को आदेश दिया था कि वे एलएसी पार करें और पैंगोंग हिल को अपने कब्ज़े में लें। ताकि पीएलए के बेस पर नज़र रखें और अब हम उन्हें वहां से हटा रहे हैं। लेकिन डेपसांग से क्या चीन पीछे हट रहा है? नहीं। इस तरह मोदी सरकार भारत की सुरक्षा को खतरे में ही नहीं डाल रही है बल्कि चीन के हाथों भारत की जमीन को गिरवी रख दी है। विकास ने कहा, चीन जो चाह रहा है मोदी सरकार वही कर रही है। उन्होंने कहा, केन्द्र सरकार को स्पष्ट करनी चाहिए कि आखिर वह चीन से इतना डरा हुआ क्यों है। राहुल गाँधी के सवालों का सही सही जवाब देने से बच क्यों रही है।