पुलिस कस्टडी में प्रदीप तोमर की मौत का मामला

एनबीटी न्यूज, हापुड़

पिलखुवा में पुलिस कस्टडी में हुई प्रदीप तोमर की मौत मामले में आईजी के आदेश पर गुरुवार शाम तत्कालीन सीओ (डिप्टी एसपी), एसएचओ और चौकी इंचार्ज समेत 8 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया। मामले में कार्रवाई की मांग करते हुए पीड़ित परिवार ने पूर्व विधायक मदन चौहान के नेतृत्व में एसपी ऑफिस पर धरना दिया था।

ततारपुर की एक महिला की हत्या मामले में 13 अक्टूबर की रात लाखन गांव के प्रदीप तोमर को पुलिस ने छिजारसी चौकी बुलाया था। प्रदीप ततारपुर की महिला का रिश्तेदार था। पुलिस ने प्रदीप से उसके बड़े बेटे राहुल की मौजूदगी में पूछताछ की। आरोप है कि इस दौरान प्रदीप तोमर की बेरहमी से पिटाई की गई, जिससे उसकी मौत हो गई। इस मामले में परिवार के लोगों ने मेरठ कमिश्नर ऑफिस पर प्रदर्शन किया। इस पर एसपी ने तत्कालीन एसएचओ योगेश बालियान, छिजारसी चौकी प्रभारी अजब सिंह व कॉन्स्टेबल मनीष को सस्पेंड कर दिया था। सीओ संतोष कुमार को पिलखुवा से ट्रांसफर कर गढ़ भेज दिया गया।

एसपी डॉ. यशवीर ने बताया कि प्रदीप के परिवार की तहरीर पर डिप्टी एसपी संतोष कुमार मिश्रा, एसएचओ योगेश बालियान, छिजारसी चौकी प्रभारी अजब सिंह सहित आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ पिलखुवा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया जाएगा।

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एनएचआरसी के नोटिस पर की गई कार्रवाई : एनएचआरसी ने भी पुलिस कस्टडी में मौत मामले में मीडिया में आई खबरों पर संज्ञान लेने और मुख्य सचिव व डीजीपी को नोटिस देकर चार हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। चर्चा है कि रिपोर्ट तैयार करने के लिए आरोपितों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है।

भाजपा सरकार में पुलिस बेलगाम : इस मामले में सपा सरकार में मंत्री रहे मदन चौहान ने कहा कि पुलिस ने केस दर्ज करने का आदेश सपा कार्यकर्ताओं के दबाव में दिया है। आरोपित पुलिसकर्मियों को बचाने की कोशिश की जा रही थी। पूर्व सीएम अखिलेश यादव के सख्त रुख के बाद पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि जब से भाजपा सरकार बनी है, तब से पुलिस पूरी तरह से बेलगाम हो गई है।

Source: UttarPradesh

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