साहा छह दिन के बाद अपना 35वां जन्मदिन मनाएंगे। टीम के प्रैक्टिस सेशन के दौरान साहा को कई बार पंत की मदद करते देखा गया। सीरीज के तीसरे और आखिरी टेस्ट की पूर्व संध्या पर जब साहा से पूछा गया कि क्या वह पंत के मेंटॉर की भूमिका निभा रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘नहीं, ऐसा कुछ नहीं है। हम बस वैसी ही चर्चा करते हैं जैसे विकेटकीपर आपस में करते हैं। श्रीधर (फील्डिंग कोच), पंत और मैं मिलकर फैसला करते हैं कि किस तरह के विकेट पर कैसी कीपिंग करनी है।’
पढ़ें,
उन्होंने कहा, ‘हम हमेशा एक-दूसरे की विकेटकीपिंग को देखते हैं। हम अपने अभ्यास सत्र में कड़ी मेहनत करते हैं और हमारे बीच अच्छी समझ और समन्वय है। हम हमेशा एक-दूसरे की गलतियों को बताने की कोशिश करते हैं। यह अब तक अच्छा चल रहा है।’ साहा नेट सेशन के दौरान भारतीय कप्तान विराट कोहली की बल्लेबाजी को करीब से देख रहे थे। उन्होंने कहा, ‘मैं विकेट की उछाल को भांपने की कोशिश कर रहा था। इसलिए मैं कोहली के पीछ खड़ा था, इससे मदद मिलती है।’
बीसीसीआई के भावी अध्यक्ष सौरभ गांगुली का भी मानना है कि उन्हें बल्लेबाजी में सुधार करना होगा। साहा ने कहा, ‘टीम में जो भी खेलता है, वह योगदान करना चाहता है। एक विकेटकीपर के तौर पर मैं मैदान पर कुछ समय बिताना चाहता हूं और अगर क्रीज पर मौजूद रहा तो मेरी कोशिश साझेदारी बनाने और अर्धशतक लगाने की होती है। हर कोई ऐसी कोशिश ही करता है। कभी बात बनती है, कभी नहीं। साहा ने कहा कि पिछली बार जब वह इस मैदान पर टेस्ट खेले तो उन्होंने शतक लगाया था। यह मुकाबला मार्च 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला गया था जो ड्रॉ पर छूटा था।
पढ़ें,
उन्होंने कहा कि भारतीय टीम मौजूदा सीरीज में 2-0 से आगे है और उसकी कोशिश साउथ अफ्रीकी टीम के खिलाफ सूपड़ा साफ करने की होगी। उन्होंने कहा, ‘इस मैदान से पिछले मैच की मेरी अच्छी यादें जुड़ी हुई है। मैंने 117 रन बनाए थे। मुझे याद है कि मैंने पारी को कैसे आगे बढ़ाया था। मुझे स्टीव स्मिथ (पहली पारी में नाबाद 178) की पारी भी याद है। पिछली बार हमने ड्रॉ किया था। इस बार हम 2-0 से आगे हैं और इसे 3-0 करने की कोशिश करेंगे।’
साहा ने पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष चुने जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह भारतीय क्रिकेट में कई सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। गांगुली के नेतृत्व वाली बंगाल टीम का हिस्सा रहे साहा ने इसे खिलाड़ियों के लिए फायदेमंद बताते हुए कहा, ‘उन्हें (गांगुली) खिलाड़ियों की जरूरत के बारे में पता है। एक खिलाड़ी के तौर पर और खासकर टीम को इसका फायदा होगा। मुझे उम्मीद है कि दादा (गांगुली) की नई भूमिका के बाद खिलाड़ियों को काफी फायदा होगा, खासकर मौजूदा परिस्थितियों में। उन्होंने लंबे समय तक देश का प्रतिनिधित्व किया और फिर एक खिलाड़ी और कप्तान के रूप में अपना प्रभुत्व बनाया।’
Source: Sports