Bवरिष्ठ संवाददाता, गाजियाबाद
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प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिले में पराली जलने की घटनाओं को रोकने के लिए प्रत्येक तहसील में फ्लाइंग स्क्वायड का गठन कर दिया गया है। स्क्वायड का प्रभारी एसडीएम को बनाया गया है। इसमें तीनों तहसीलों के सीओ के अलावा सहायक विकास अधिकारी (कृषि) सदस्य होंगे। लोनी, सदर और मोदीनगर तहसील में टीम को एक्टिव कर दिया गया है। डीएम अजय शंकर पांडेय ने बताया कि किसी भी स्थिति में धान पराली और अन्य कृषि फसल अपशिष्ठ को जलाने नहीं दिया जाएगा। इसको रोकने के लिए तहसील के सभी लेखपाल और ग्राम प्रधानों को शामिल करते हुए एक वॉट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा। कहीं भी ऐसी सूचना मिले तो ग्रुप में तत्काल इसकी सूचना दी जाएगी। डीएम ने कहा कि यदि किसी भी क्षेत्र में फसल अपशिष्ट जलाए जाने की घटना होती है तो इसके लिए लेखपाल पूरी तरह से जिम्मेदार होगा।
Bयह होगी जिम्मेदारी
Bउन्होंने बताया कि तहसील स्तर पर गठित उड़न दस्तों की यह जिम्मेदारी होगी कि धान कटने के समय से लेकर रबी में गेंहू की बुवाई तक प्रतिदिन फसल अवशेष जलाने की घटनाओं और इसकी रोकथाम की कार्रवाई की रिपोर्ट बनाकर डिस्ट्रिक्ट सेल को देनी होगी। इस सेल में एडीएम फाइनैंस को अध्यक्ष बनाया गया है। इसमें एसपी देहात, उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी और क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी को सदस्य के रूप में रखा गया है।
Source: UttarPradesh