-गांव को मॉडल बनाने पर चल रहा है काम, सीसीटीवी कैमरों की रहती है नजर
Sanjay.Srivastava@timesgroup.com
Bगाजियाबाद :B दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण और वाहनों के दबाव को कम करने के लिए गाजियाबाद के रईसपुर गांव के युवाओं ने एक ऐप तैयार किया है। इसमें दिल्ली समेत अन्य शहर जाने वाला व्यक्ति ऐप पर एक दिन पहले ही जानकारी डाल सकेगा। इससे जानकारी मिलने पर उस रूट पर जाने वाला व्यक्ति कार पूल कर सकेगा। वहीं, यदि किसी को ब्लड की जरूरत होगी तो वह उस ऐप पर अपनी डिमांड डाल देगा। इसके बाद संबंधित व्यक्ति खुद ही ब्लड देने पहुंच जाएगा।
Bमॉडल बनेगा रईसपुर गांव
Bरईसपुर गांव को मॉडल बनाने में जुटे अरुण खुटेल और सुविंद्र किसान ने बताया कि आम लोगों में धारणा है कि गांव में शहरों की अपेक्षा कम सुविधाएं होती हैं, इसलिए शहरों में आबादी का दबाव बढ़ रहा है। हमने गांव सुविधा संपन्न बनाने और खेती को रोजगार से जोड़ने के प्रयास के लिए विश्व किसान एकता संघ का गठन किया है। इसके लिए हम जुलाई में हरिद्वार से राजघाट तक पैदल यात्रा कर चुके हैं। अब दिल्ली से कश्मीर के लाल चौक फिर कश्मीर से कन्या कुमारी और उसके बाद अन्य देशों में जागरूकता फैलाएंगे।
Bभाईचारा बढ़ाने के लिए पहल
B’एफएसओ’ नाम के ऐप में राइड लिंक पर एक दिन पहले ही कोई भी व्यक्ति यह बताएगा कि वह दिल्ली या आसपास जा रहा है। इससे यदि किसी अन्य व्यक्ति को उसी रूट पर जाना होगा तो वह पूल कर सकेगा। इससे धन की बचत तो होगी ही साथ रोड पर ट्रैफिक और पलूशन घटेगा। इससे लोगों में भाईचारा भी बढ़ेगा। ऐप में विभिन्न ब्लड ग्रुप वाले लोगों के नाम भी होंगे। इससे यदि किसी व्यक्ति को जिस ग्रुप का ब्लड चाहिए होगा, उस पर अपनी डिमांड डाल देगा। इससे संबंधित ग्रुप का व्यक्ति पीड़ित से संपर्क कर उसे ब्लड दे सकेगा।
Bगांव में सीसीटीवी रखता है नजर
Bकरीब 10 हजार की आबादी वाले रईसपुर गांव में मुख्य 4 एंट्री पॉइंट के साथ-साथ 8 स्थानों पर 14 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसमें एक सप्ताह की रिकॉर्डिंग सुरक्षित होगी।
Bपिंक चौपाल भी लगेगी
Bसुविंद्र ने बताया कि गांव में हर महीने पिंक चौपाल लगाई जाएगी। इसमें ग्रामीण महिलाएं किस प्रकार से तरक्की कर सकती हैं, उनके मार्गदर्शन के लिए एक सफल महिला को बुलाया जाएगा।
Bई-लाइब्रेरी पर चल रहा काम
Bगांव में ई-लाइब्रेरी की भी व्यवस्था की जा रही है। इसमें कंप्यूटर के माध्यम से गांव के युवा अपनी पसंद की पुस्तक पढ़ सकेंगे। वहीं, फिलहाल पोस्ट ग्रैजुएशन तक की किताबें यहां मंगाई गई हैं। लाइब्रेरी में कैमरे भी लगे हैं।
Source: UttarPradesh