सोनभद्र के सीएम ड्रीम प्रोजेक्ट में जमीन खरीद घोटाला, केस दर्ज

सोनभद्र
सोनांचल में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए सोनभद्र में सीएम का ड्रीम प्रॉजेक्ट है। मेडिकल कॉलेज की मंजूरी मिलने के बाद इसके लिए प्रशासन ने जो जमीन खरीद की है, उसमें बड़ा लेखपाल की मिलीभगत और कुछ काश्तकारों की सांठगांठ को डीएम एस. राजलिंगम ने पकड़ा है।

डीएम के पास कुछ फरियादी पहुंचे कि पहले से बिकी जमीन को लेखपाल ने फिर से मेडिकल कॉलेज के नाम पर रजिस्ट्री करवा दिया है। जांच में गड़बड़ी मिलने के बाद डीएम के निर्देश पर रौप गांव के लेखपाल विष्णु चंद्र दुबे को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही उन्हें राजस्व निरीक्षक रॉबर्ट्सगंज कार्यालय से संबद्ध कर दिया है। मामले की जांच के बाद तहसीलदार विकास पांडेय जमीन खरीद में गड़बड़ी पाए जाने पर रौप के ग्राम प्रधान उनकी पत्नी सहित चार के खिलाफ मंगलवार को मुकदमा भी दर्ज कराया है।

सोनभद्र में मेडिकल कॉलेज की घोषणा के बाद लिए जमीन की खोज में जिला प्रशासन जुटा है। मेडिकल कॉलेज के लिए कई जमीनों को देखने के बाद रौप गांव के पास फाइन किया। बीते 24 सितंबर को डीएम की अगुवाई में टीम जमीन के निरीक्षण के लिए पहुंची तो क्षेत्रीय लेखपाल ने वहां स्थित बंजर भूमि का निरीक्षण न करा कर महज काश्तकारी जमीन का निरीक्षण कराया गया। उच्चाधिकारियों के संज्ञान में भी यह मामला नहीं लाया गया।

शिकायत संज्ञान में आने पर डीएम ने पूरे मामले की जांच कराई तो पता चला कि मेडिकल कॉलेज के लिए जो जमीन क्रय की गई, उसमें से कुछ काश्तकार पूर्व में उसी नंबर की जमीन किसी अन्य को बैनामा कर चुके थे। पुन: उसी भूमि को राज्य सरकार के पक्ष में बैनामा करा दिया गया। जांच टीम ने काश्तकारों के साथ क्षेत्रीय लेखपाल की मिलीभगत और दायित्वों के निर्वहन में गंभीर लापरवाही मानते हुए रिपोर्ट दी।

इस संबंध में एसडीएम यमुनाधर हान ने बताया कि लेखपाल विष्णु चंद्र को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया गया है। साथ ही विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। तहसीलदार ने रौप के ग्राम प्रधान सहित चार पर मुकदमा दर्ज करा दिया है।

Source: UttarPradesh

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