नई दिल्ली : रिजर्व बैंक ने सरकार को दिए पौने दो लाख करोड़ रुपये. इससे राजकोषीय घाटे को काबू रखना आसान हो जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार रिजर्व बैंक ने जालान समिति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए सरकार को भारी भरकम 1,76,051 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का फैसला किया है। इसमें से रिकार्ड 1,23,414 करोड़ रुपये राशि सरप्लस के रूप में होगी जो आरबीआइ वित्त वर्ष 2018-19 के लिए सरकार को ट्रांसफर करेगा।
आरबीआइ ने सोमवार शाम को एक बयान जारी कर कहा कि रिजर्व बैंक के बोर्ड ने सरकार को 1,76,051 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने का निर्णय किया है। इसमें 1,23,414 करोड़ रुपये वित्त वर्ष 2018-19 के लिए सरप्लस के रूप में हैं जबकि 52,637 करोड़ रुपये संशोधित इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क के तहत अतिरिक्त प्रावधान के हैं।
चालू वित्त वर्ष में आरबीआइ सरकार को कुल 1,23,414 करोड़ रुपये सरप्लस देगी जिसमें से 28,000 करोड़ रुपये पहले ही दिये जा चुके हैं। सरकार ने आरबीआइ के सरप्लस से कुछ राशि लेने के नजरिए से जालान समिति का गठन किया था। यही वजह है कि मोदी सरकार जब दुबारा सत्ता में आई तो पांच जुलाई को पेश किये गये वित्त वर्ष 2019-20 के पूर्ण आम बजट में उसने रिजर्व बैंक और सरकारी बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से 1,06,041 करोड़ रुपये चालू वित्त वर्ष में मिलने की उम्मीद जतायी। हालांकि एक फरवरी को पेश किये गये वित्त वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट में उसने इस मद से 82,911 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद जतायी थी।