तीन मंजिल बनाने के बाद बिल्डर ने नक्शा पास करने का किया आवेदन

B- 7.5 लाख रुपये डिमांड करने पर आवेदन कैंसल करने की मांग

– जीडीए ने जांच करवाई तो पता चला, निर्माण कार्य हो चुका है पूरा

– निर्माणकर्ता पर होगी एफआईआर, संबंधित इंजीनियर की जांच शुरू

B

BAkhandpratap.singh@timesgroup.com

गाजियाबाद:B जीडीए में पहली बार इस तरह का मामला सामने आया है कि बिल्डर ने निर्माण कार्य पूरा करने के बाद नक्शा पास करने का आवेदन किया है। लेकिन जब जीडीए ने नक्शा पास करने के लिए 7.5 लाख रुपये की डिमांड भेजी तो बिल्डर ने नक्शे के आवेदन को कैंसल करके जमा किए गए पैसे के रिफंड मांगने लगा। जीडीए के अधिकारियों ने जब इस मामले की जांच करवाई तो पता चला कि वहां पर तीन मंजिला अवैध निर्माण हो चुका है। कई फ्लैट बनने के साथ ही नीचे कुछ दुकानें भी बना ली गई हैं। कुछ फ्लैट को बेचा जा चुका है। लोग वहां आकर रहना शुरू कर दिए हैं। फिलहाल जीडीए ने संबंधित बिल्डर पर एफआईआर करवाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। साथ ही संबंधित इंजीनियर पर बिल्डर से मिलीभगत की जांच के लिए कमिटी का गठन किया गया है। रिपोर्ट आने के बाद इंजीनियर पर भी कार्रवाई की जाएगी।

B

ऐसे हुआ मामले का खुलासाB

श्याम पार्क एक्सटेंशन में रमेश शर्मा और अन्य ने अवैध निर्माण किया था। करीब एक महीने पहले एक लाख 8 हजार रुपये जमा कराकर नक्शा पास करने का आवेदन किया। जीडीए ने डेवलपमेंट चार्ज समेत अन्य चार्ज को जोड़ते हुए 7.5 लाख रुपये की डिमांड भेजी तो वह पैसे के रिफंड किए जाने की मांग की। चीफ आर्किटेक्ट टाउन प्लानर आशीष शिवपुरी ने प्रकरण की जांच करवाया तो पता चला कि वहां पर निर्माण हो चुका है। फिर संबंधित थाने में बिल्डर पर एफआईआर दर्ज करवाने के लिए तहरीर भेजी है।

Bइसलिए नक्शे का किया आवेदनB

अधिकारी बताते हैं कि जीडीए ने प्रवर्तन जोन-7 में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई तेज किया तो बिल्डर को लगा कि एक-दो लाख रुपये में नक्शा पास हो जाएगा। लेकिन जब 7.5 लाख रुपये डिमांड गई तो उसने नक्शा फीस के चार हजार रुपये काटकर एक लाख चार हजार रुपये वापस किए जाने की मांग करने लगा।

B

बाकी रिफंड वाले प्रकरण की होगी जांचB

पिछले पांच साल में नक्शे के रिफंड के जितने मामले हुए हैं उन सबकी जांच की जाएगी। देखा जाएगा कि जहां नक्शे के लिए आवेदन हुआ है क्या वहां पर बिना नक्शा पास करवाए हुए ही निर्माण कार्य तो नहीं कर लिया गया है। यदि निर्माण कार्य हुआ तो बिल्डर के साथ ही साथ संबंधित इंजीनियर के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

B

कोट:B

श्याम पार्क एक्सटेंशन में पहले नक्शा पास करने का आवेदन आया फिर रिफंड की मांग होने लगी तो प्रकरण की जांच कराया गया। इसमें पता चला कि वहां पर पहले ही तीन मंजिला निर्माण कार्य हो चुका है। इसलिए बिल्डर के खिलाफ एफआईआर करने के लिए तहरीर भेजा गया है। किस इंजीनियर के कार्यकाल में निर्माण हुआ, उसकी जांच चल रही है। B- आशीष शिवपुरी, चीफ आर्किटेक्ट टाउन प्लानर, जीडीए B

Source: UttarPradesh

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *