भोपाल-जनसम्पर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने मिट्टी आधारित मूर्ति निर्माण का पर्यावरण में महत्व एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण कार्यशाला में स्कूली बच्चों और अन्य प्रतिभागगियों का उत्साहवर्धन किया। शर्मा ने कहा कि प्रदूषण संरक्षण के लिये मिट्टी से गणेश की मूर्तियाँ बनायें। पीओपी से प्रदूषण बढ़ता है। जल जीवों के लिये यह हानिकारक होता है।
कार्यशाला में डॉ. याद राम ने बताया कि मिट्टी 15-20 तरह की होती है। उन्होंने कहा कि टेराकोटा का अर्थ-पकी हुई मिट्टी है। इससे मूर्ति बनाने में स्टोन, वुड और मेटल का उपयोग किया जाता है।
कलाकर्मी देवीलाल पाटीदार ने कहा कि प्रकृति द्वारा प्रदत्त चीजों से मूर्तियां बनाकर पर्यावरण को बचाया जा सकता है। परिषद के महानिदेशक डॉ. आर.के. आर्य ने कहा कि बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का प्रसार करना ही कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य है।
कार्यशाला में स्कूली बच्चों सहित 200 लोगों ने भाग लिया। ग्रामीण प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग केंद्र के प्रभारी एवं कार्यशाला के समन्वयक समीर कुमरे और वैज्ञानिक विकास शेंडे भी उपस्थित थे।