अनुराग शुक्ला, अयोध्या पर भव्य मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इस खुशी में आंदोलन के महानायक समझे जाने वाले विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के पूर्व अंतरराष्ट्रीय कार्य अध्यक्ष और संरक्षक दिवंगत की चौथी पुण्यतिथि को ही के पदाधिकारी भूल गए। वीएचपी मुख्यालय कारसेवकपुरम में भी पुण्यतिथि पर उन्हें याद नहीं किया गया।
बता दें कि सिंघल ने अयोध्या में 40 हेक्टेयर की भूमि पर कारसेवकपुरम और रामसेवकपुरम की आधार शिला रखी थी। उनकी परिकल्पना से रामसेवकपुरम में राम कथा कुंज के लिए मूर्तियों को तराशा जा रहा है। साथ ही मंदिर कार्यशाला में पत्थरों को तराशने की योजना को मूर्तरूप दिया गया।
राम मंदिर आंदोलन में संत समाज को एकजुट कर मंदिर आंदोलन को धार सिंघल ने ही दी थी। वीएचपी के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा का कहना है कि सिंघल जन-जन के नायक हैं। उनको भुलाने का सवाल ही नहीं खड़ा होता है। हालांकि, चौथी पुण्यतिथि पर कोई कार्यक्रम ना होने के सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली।
Source: National