ATM, नेट बैंक फ्रॉड: इस साल उड़े 149 करोड़

नई दिल्ली
भारत में , नेट बैंकिंग, डेबिट, क्रेडिट कार्ड से फ्रॉड के मामलों में 50% तक की वृद्धि देखी गई है। 2018-19 में ऐसे मामलों में 50 फीसदी से अधिक वृद्धि हुई है और दिल्ली इस लिहाज से फ्रॉड कैपिटल बनती जा रही है। देश भर में जितने केस ऐसे फ्रॉड में दर्ज होते हैं उनमें से 27% अकेले दिल्ली में ही दर्ज किए गए हैं। पिछले साल की तुलना में फ्रॉड केस में वृद्धि देखी गई है, लेकिन ऐसे जालसाजी में नुकसान की रकम में कमी दर्ज की गई है। 2018-19 में फ्रॉड से हुए नुकसान की रकम 149 करोड़ था जबकि 2017-18 में यह 169 करोड़ दर्ज किया गया था।

एटीएम के जरिए हो रहे सबसे अधिक फ्रॉड
हालांकि, केंद्र सरकार की ओर से संसद में दाखिल किए एक जवाब में केंद्र सरकार ने कहा कि ऐसे केस में पहले की तुलना में कमी दर्ज की गई है।
एटीएम फ्रॉड के ऐसे केस सबसे अधिक पब्लिक सेक्टर बैंक से जुड़े हैं। मार्च 2019 तक के डेटा के अनुसार, पूरे देश में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के 58,000 एटीएम थे। 2 लाख कैश निकासी संबंधित फ्रॉड में से प्रत्येक 5 फ्रॉड में एक फ्रॉड एटीएम के जरिए ही हो रहा है।

IDBI एटीएम से भी फ्रॉड की कई घटनाएं
एटीएम से होनेवाले फ्रॉड में दूसरे स्थान पर आईडीबीआई बैंक है जिसकी वेबसाइट के अनुसार, देश में इनके 3,700 एटीएम हैं। इनके जरिए कुछ 1800 फ्रॉड केस दर्ज किए गए। देश भर के एटीएम के अनुपात में आईडीबीआई एटीएम का शेयर सिर्फ 1.8% है। अप्रैल 2017 से 2019 के दौरान
एटीएम फ्रॉड की कुल संख्या में 15% सिर्फ आईडीबीआई बैंक के एटीएम से हुए।

पढ़ें : बैंकिंग सेक्टर का सुझाव इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार हो
केंद्र सरकार की ओर से एटीएम फ्रॉड के कारण नहीं बताए गए। बैंकिंग से जुड़े लोगों का कहना है कि ऐसे फ्रॉड रोकने के लिए बैंकिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार और मजबूती की जरूरत है। एक वरिष्ठ बैंकर ने बताया, ‘दूसरे देशों के नागरिकों के जरिए हम एटीएम फ्रॉड की कई घटनाएं देख रहे हैं और इस संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। अगर दूसरे देशों को देखा जाए तो कई यूरोपीय देशों में फ्रॉड रोकने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर को बहुत मजबूत किया गया है।’

पढ़ें : नेट बैंकिंग की सुरक्षा पर भी जोर
एक अन्य बैंकर ने कहा कि कैमरा एटीएम में लगाए गए हैं, लेकिन फ्रॉड करनेवाले अक्सर इसका दुरुपयोग कर लेते हैं। इसी तरह से नेट बैंकिंग को भी अधिक सुरक्षित बनाने की जरूरत हैं। फ्रॉड एक्सपर्ट नेट बैंकिंग के जरिए ऐसे कामों को अंजाम देते हैं।

RBI ने जारी किया सुरक्षा गाइडलाइंस
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से भी बैंकिंग इनफ्रास्ट्रक्चर में सुधार की जरूरत पर बल दिया है। आरबीआई की ओर से इसके लिए ऐंटी-स्कीमिंग, वाइट-लिस्टिंग सॉल्यूशन और सॉफ्टवेयर अपडेट के कई सुझाव दिए हैं। बैंकों को सिर्फ अपग्रेडेड चिप और पिन बेस्ड कार्ड के प्रयोग का ही निर्देश दिया गया है। हालांकि, अभी तक की स्थिति को देखकर ऐसा लग रहा है कि बैंकों ने आरबीआई की गाइडलाइंस पर बहुत अधिक काम नहीं किया है।

Source: National

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