वेस्ट यूपी में गन्ना किसानों का प्रदर्शन, हाईवे समेत कई जगह लगाया जाम

शादाब रिजवी, मेरठ
गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाए जाने से नाराज भारतीय किसान यूनियन ने के मेरठ, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, हापुड़, बिजनौर और बागपत में पर लगा दिया। दिल्ली-देहरादून हाईवे पर किसानों ने सड़क पर ट्रैक्टर ट्रॉली लगाकर यातायात को रोक दिया। किसान यूनियन के की वजह से आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

मेरठ में दिल्ली-देहरादून हाईवे पर किसानों ने सड़क पर धरना दिया। ट्रैक्टर-ट्रॉली को हाईवे पर बीच में खड़ा कर दिया। मेरठ के दौराला में किसानों ने थाने के सामने ट्रैक्टर ट्रॉलियों को आड़ा-टेढ़ा खड़ा कर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया। किसानों ने थाने के सामने सड़क पर दरी बिछाकर धरना भी दिया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। एसडीएम और सीओ ने किसानों को समझाकर किसी तरह जाम खुलवाया। मेरठ के मवाना खुर्द में किसानों ने मेरठ-बिजनौर हाइवे जाम किया।

मुजफ्फरनगर में भारतीय किसान यूनियन ने नैशनल हाईवे 58 समेत कई स्थानों पर जाम लगाया और गन्ने की होली जलाई। रामपुर तिराहा, मंसूरपुर और पुरकाजी के पास किसानों ने एनएच 58 जाम किया। कई थानों की फोर्स और मैजिस्ट्रेट ने काफी मान मनौव्वल के बाद जाम को खुलवाया। सहारनपुर में भी बीकेयू ने कई जगह चक्का जाम किया। नागल में किसानों ने मेरठ हाईवे पर दरी बिछाकर चक्का जाम किया। राजस्व कार्यालय में गन्ने की पराली भरकर विरोध जताया। छुटमलपुर में किसानों ने देहरादून हाईवे को जाम करते हुए प्रदर्शन किया। बड़गांव के अंबेहटा चांद में किसानों ने प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

शामली में किसानों ने गुरुद्वारे पर चक्का जाम किया गया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने गन्ने की होली भी जलाई। बिजनौर में सात स्थानों पर प्रदर्शन और चक्का जाम किया। वहीं हापुड़ में बुलंदशहर हाईवे जाम कर रहे किसानों की पुलिस से झड़प हो गई। पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में ले लिया। इसके विरोध में किसानों ने जमकर हंगामा किया।

बीजेपी बोली- रेकॉर्ड भुगतान हुआ
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर चंद्रमोहन ने कहा कि मार्च 2017 में यूपी में योगी सरकार आने के बाद लगभग 76 हजार करोड़ रुपए का भुगतान गन्ना किसानों को किया गया है, जो आजादी के बाद किसी भी राज्य का सबसे बड़ा भुगतान है। देश के कई राज्यों का इतना कुल बजट भी नहीं है। उन्होंने कहा कि 2014-15 में गन्ने की पेराई 74 करोड़ कुंतल थी, 2015-16 में 64 करोड़ कुंतल रह गई थी। अखिलेश सरकार में 10 करोड़ कुंतल गन्ने की पेराई एक वर्ष में घटी थी क्योंकि एसपी सरकार ने गन्ना किसानों के भुगतान को अनदेखी की थी।

चंद्रमोहन ने कहा कि बीजेपी सरकार आने के बाद 64 करोड़ कुंतल से गन्ना की पेराई आज बढ़कर 111 करोड़ कुंतल हो गई है। मतलब गन्ना किसानों की पैदावार करीब दोगुनी हो चुकी है। जब बीजेपी सरकार बनी थी प्रदेश में 66 टन प्रति हेक्टेयर गन्ने के उत्पादन का औसत था आज यह 80 टन हो गया है। मार्च, 2017 में योगी सरकार आने पर गन्ने का क्षेत्रफल 20 लाख हेक्टेयर था, आज 28 लाख हेक्टेयर हो गया है। तीस महीने में आठ लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल बढ़ा और 120 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ।

19 को कमिश्नरी पर गरजेगी एसपी
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी कार्यकर्ता 19 दिसंबर को कमिश्नरी पार्क में गन्ना मूल्य नहीं बढ़ाए जाने समेत किसानों की मांगों को लेकर धरना देंगे और प्रदर्शन करेंगे। पूर्व मंत्री राजपाल सिंह ने यह जानकारी दी।

Source: International

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