फर्जी बीएड की डिग्री के सहारे नियुक्ति पाने के आरोप में मथुरा में 33 शिक्षक-शिक्षिकाओं को बर्खास्त कर दिया गया है। ऐसा के सामने आने और वेरिफिकेशन के दौरान यूनिवर्सिटी के मार्कशीट फर्जी होने की पुष्टि करने के बाद यह फैसला लिया गया। फिलहाल 33 शिक्षकों की बर्खास्तगी के बाद से शिक्षा विभाग में हड़कम्प मच गया है।
बता दें कि मथुरा में शिक्षक भर्ती घोटाला सामने आने के बाद से एसआईटी बेसिक शिक्षा विभाग में हुई भर्तियों की जांच करने में जुटी थी। इस मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) की छानबीन में आगरा स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के सत्र 2004-05 में बीएड डिग्री हासिल करने वाले 4,700 शिक्षकों की मार्कशीट गड़बड़ पाई गई थीं।
33 डिग्री फर्जी और 26 में छेड़छाड़ हुई
जनपद स्तर पर की गई जांच के दौरान ऐसे 59 नाम सामने आए जो बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्ति पा चुके थे। इनमें से 33 की डिग्री बिल्कुल फर्जी और 26 के साथ छेड़छाड़ (टेंपर्ड) की गई थी। दो माह पूर्व ही इन शिक्षकों को निलंबित करने के साथ ही अपना पक्ष रखने का मौका भी दिया गया था।
नौकरी जाने का डर
वहीं आगरा विवि में चल रही जांच में 33 की डिग्री फर्जी होने की बात स्पष्ट होने के बाद विभाग ने 33 शिक्षक-शिक्षिकाओं की सेवा समाप्त कर दी है। इस कार्रवाई के बाद अब उन 26 शिक्षक-शिक्षिकाओं को नौकरी जाने का डर सता रहा है जिनकी डिग्री टेंपर्ड है।
एफआईआर के अलावा रिकवरी होगी
मामले की जानकारी देते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर ने बताया कि फर्जी डिग्री और प्रमाणपत्रों से नौकरी पाने वाले 33 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। वहीं टेंपर्ड मार्कसीट मामले में विवि में अभी जांच चल रही है। बीएसए का कहना है कि बर्खास्तगी की कार्रवाई के बाद इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और रिकवरी की कार्रवाई भी की जाएगी।
Source: International