वाराणसी समेत पूर्वांचल में सब्जियों खासकर तीखी हरी मिर्च की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है। बनारस से सब्जी निर्यात की शुरुआत 20 दिसम्बर को हरी मिर्च का कंटेनर भेजने के साथ होगी। इसकी तैयारी पूरी हो गई है।
हरी सब्जियों के साथ चंदौली के खास ब्लैक राइस को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बड़े पैमाने पर निर्यात का खाका कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने खींचा है। इसके लिए बनारस के करखियांव इलाके में जल्द ही 15 करोड़ की लागत से आधुनिक पैक हाउस बनाया जाएगा। इसमें उत्पादों की ग्रेडिंग से लेकर पैकिंग तथा कोल्ड स्टोरज की सुविधा उपलब्ध होगी। बाबतपुर, राजातालाब एवं कॉनकोर माधोसिंह पर स्थित पेरिसिबल कार्गो के विस्तार पर काम शुरू हो गया है तो सब्जी उत्पादकों के कलस्टर तैयार किए जा रहे हैं।
वाराणसी मंडल के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि एपीडा की पहल पर 20 दिसम्बर को गल्फ देश में पहला कंटेनर भेजा जाएगा। कंटेनर में हरी मिर्च जाएगी। खाड़ी देशों में तीखी हरी मिर्च के साथ हरी मटर, लंबी एंव गोल लौकी, भिंडी समेत अन्य सब्जियों की जबरदस्त डिमांड है। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आईआईवीआर) के वैज्ञानिकों द्वारा खाड़ी देशों की मांग पूरी करने को विकसित नई प्रजाति ‘बुलेट मिर्च’ की पैदावार होने लगी है। इसमें कई रोगों से लड़ने की क्षमता है तो निर्यात, प्रसंस्करण व भंडारण के लिहाज से बेहतर है।
मिलेगा बेहतर दाम- एपीडा के अधिकारियों का कहना है कि हरी सब्जी व ब्लैक राइस के उत्पादक काश्तकारों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में चार गुना तक ज्यादा दाम मिलेगा। गाजीपुर के दो विकास खंडों में 1000 हेक्टेयर भूमि में तीखी हरी मिर्च बोई गई है। जबकि चंदौली में 1000 किसानों ने 400 हेक्टेयर में ब्लैक राइस की खेती की है। यहां लगभग 16000 कुंतल ब्लैक राइस की उपज होगी।
Source: International