भोपाल
पिछले साल जब 16 साल के ऐथलीट राम मिलन यादव को आया तो लोगों ने उनके करियर का अंत मान लिया लेकिन हालातों से हार मानने के बजाय उन्होंने लड़ने का फैसला किया। यह उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि इस साल नैशनल सेलिंग (नौकायन) चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता। राम यादव स्पोर्ट्स विभाग के नैशनल सेलिंग स्कूल (एसएसएस) से हैं और उन्होंने हाल ही में मुंबई में हुए वाईएआई के लेजर रेडियल यूथ क्लास बोट कैटिगरी में गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
पिछले साल जब 16 साल के ऐथलीट राम मिलन यादव को आया तो लोगों ने उनके करियर का अंत मान लिया लेकिन हालातों से हार मानने के बजाय उन्होंने लड़ने का फैसला किया। यह उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि इस साल नैशनल सेलिंग (नौकायन) चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता। राम यादव स्पोर्ट्स विभाग के नैशनल सेलिंग स्कूल (एसएसएस) से हैं और उन्होंने हाल ही में मुंबई में हुए वाईएआई के लेजर रेडियल यूथ क्लास बोट कैटिगरी में गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
पूरी प्रतियोगिता के दौरान एनएसएस सेलर ने आठ मेडल जीते जिसमें से 4 गोल्ड और 3 सिल्वर मेडल जीते। राम ने मुश्किल से तीन साल पहले ही अपने करियर की शुरुआत की थी लेकिन पिछले साल पैरालाइसिस अटैक की वजह से वह चलने और हाथ हिलाने में असमर्थ हो गए। ऐसा लगा कि अब दोबारा सेलिंग में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।
मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के छोटे से गांव से आने वाले यादव ने हिम्मत नहीं हारी। अपने पैरों पर खड़ा होने के दृढ़ संकल्प के चलते ही नैशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लिया और गोल्ड मेडल जीता। उनके कोच जीएल यादव ने बताया, ‘राम बेहद फौलादी इरादों वाले ऐथलीट हैं। पिछले कुछ वक्त से उन्होंने जीवन में काफी उतार-चढ़ाव देखे लेकिन अब उनका लक्ष्य राज्य के लिए अधिक से अधिक मेडल जीतना है। वह देश के लिए भी मेडल जीतेंगे।’
Source: Madhyapradesh