उत्तर प्रदेश की वैश्विक स्तर पर भगवान राम और हनुमान की निशानी के अध्ययन के लिए वित्तीय सहायता मुहैया करा रही है। इसके तहत इटली और ईरान के पत्थरों पर भगवान राम और हनुमान के बारे में लिखे अभिलेखों और मध्य अमेरिकी देश होंडुरास के जंगल में मिली हनुमान मूर्ति का अध्ययन किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने बताया कि इस शोध से मिली पुष्ट जानकारी को अयोध्या में भगवान राम पर बनने वाले इंटरनैशनल डिजिटल म्यूजियम में दस्तावेज के रूप में दिखाया जा सकता है। योगी सरकार ने अयोध्या में एक शोध संस्थान को 30 लाख रुपये का बजट आवंटित किया है। राज्य के संस्कृति विभाग की ओर से 15 लाख रुपये पहली किश्त के रूप में ‘राम संस्कृति की विश्व यात्रा’ के लिए आवंटित किया गया है।
शोधकर्ताओं को कई देशों की यात्रा करनी होगी
इस शोध के तहत शोधकर्ताओं को कई देशों की यात्रा करनी होगी। वहां सर्वे, शोध, दस्तावेज बनाना होगा और भगवान राम के अंतरराष्ट्रीय चिन्हों को प्रकाशित करना होगा। शोध संस्थान ने 20 सितंबर को इस संबंध में एक प्रस्ताव यूपी सरकार के पास 20 सितंबर को जमा कराया था। प्रस्ताव के मुताबिक ‘सिटी ऑफ मंकी गॉड’ कहे जाने वाले होंडुरास के जंगल में स्थित प्राचीन शहर में शोध दल भेजा जाएगा जहां पर भगवान हनुमान की मूर्ति मिली है।
शोध संस्थान ने बताया कि इटली में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान और रामायण के विभिन्न घटनाओं के चित्र मिले हैं जो करीब 5 ईसा पूर्व के हैं। इराक में राम और हनुमान की पेंटिंग की शक्ल में एक अभिलेख मिला है जो करीब ईसा पूर्व 2000 साल पुराना है। इराक में भारतीय राजदूत ने कथित रूप से शोध संस्थान से इसकी पुष्टि की है।
Source: National