इंदौर,16 दिसंबर (भाषा) मध्य प्रदेश के सियासी और प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मचाने वाले हनी ट्रैप मामले में एक स्थानीय अदालत में सोमवार को पांच महिलाओं समेत छह लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया। इसमें युवतियों की मानव तस्करी और एक सरकारी अधिकारी से तीन करोड़ रुपये की फिरौती वसूलने के लिए उसे आपत्तिजनक सामग्री के आधार पर डराने-धमकाने समेत कई आरोप लगाए गए हैं। प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित कुमार गुप्ता के समक्ष आरती दयाल, मोनिका यादव, श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन और बरखा सोनी तथा उनके चालक ओमप्रकाश कोरी के खिलाफ करीब 400 पेज का आरोपपत्र सैकड़ों पन्नों के सहायक दस्तावेजों के साथ दायर किया गया। यह आरोपपत्र भारतीय दंड संहिता की धारा 370 (मानव तस्करी), 385 (फिरौती वसूलने के लिए किसी व्यक्ति को भय में डालना) और अन्य धाराओं के साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के सम्बद्ध प्रावधानों के तहत दायर किया गया। इंदौर नगर निगम के अधीक्षण अभियंता हरभजन सिंह (60) ने सितंबर में एक स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि हनी ट्रैप गिरोह ने उनकी कुछ आपत्तिजनक वीडियो क्लिप वायरल करने की धमकी देकर उनसे तीन करोड़ रुपये की मांग की है। ये क्लिप खुफिया तरीके से तैयार की गई थीं। जिला लोक अभियोजन अधिकारी मोहम्मद अकरम शेख ने संवाददाताओं से कहा, “पुलिस की जांच में सिंह के इन आरोपों को प्रमाणित पाया गया है। आरोपपत्र में इस बारे में कई साक्ष्य पेश किए गए हैं।” शेख ने बताया कि हनी ट्रैप मामले के दो अन्य आरोपी- रूपा अहिरवार और अभिषेक फरार हैं। उनकी तलाश के साथ मामले की विस्तृत जांच जारी है। हनी ट्रैप गिरोह से जुड़ी पांचों महिलाओं और उनके चालक को भोपाल तथा इंदौर से सितंबर में गिरफ्तार किया गया था। गिरोह खुफिया कैमरों से अंतरंग पलों के वीडियो बनाकर अपने “शिकारों” को इस आपत्तिजनक सामग्री के बूते ब्लैकमेल करता था।
Source: Madhyapradesh