शहडोल जिले के आस पास के क्षेत्र की नदियों का दोहन कोई नया काम नहीं है यह लंबे समय से चलता आ रहा है सहकार ग्लोबल कम्पनी क़ो जब से रेत खनन का ठेका मिला हैं तब से ही यह देखने में आ रहा क़ी रेत माफियाओ के कारण मारपीट औऱ हत्या जैसे अपराधों क़ी यह शरणस्थली बनता जा रहा हैं
शहडोल जिले क़ो प्राकृतिक संपदा से भरपूर धरती भीं कहा जाता हैं ,जहां धूल,मिट्टी,रेत,गिट्टी से लेकर के काला सोना तक यहां की धरती और नदियां उगलती हैं,लेकिन जिले के प्रशासनिक अधिकारियो ने इस प्राकृतिक संपदा को कभी भी गंभीरतापूर्वक आजतक ध्यान में नहीं लिया। जंगलो क़ी अंधा धुंध कटाई से जहाँ जंगल में निवासी करने वाले जंगली जानवर असमय ही मर रहे हैं सूत्रों क़ी माने तो पिछले दिनों ही एक प्यासे हिरण क़ी मौत गड्ढे में गिरने से हो गई थी जिसे सहकार ग्लोबल कम्पनी के द्वारा निकाल कर मिट्टी में दफना किया गया था सूत्र तो यह भीं बता रहे हैं क़ी फरेस्ट विभाग के कुछ कर्मचारियों क़ो इस क़ी भनक भीं लग गई थी जिसे शहडोल जिले का एक तथा कथित पत्रकार ज़ो क़ी प्रतिष्ठित मिडिया घराने से सम्बन्ध रखता हैं ने मामले क़ो रफा दफा करवाने क़ी एवज में सहकार ग्लोबल कम्पनी से मोटी रकम में सौदा करवा दिया था जी न्यूज़ तो यह भीं हैं क़ी इस पत्रकार क़ी इतनी अच्छी सेटिंग हैं क़ी पूर्व में हुए मारपीट के मामले में भीं दखल दे कर कार्यवाही क़ो ही बदलने के लिए मजबूर करा दिया गया था
जी न्यूज़ तो ये भीं हैं साहब
आपको बता दें कि शहडोल जिले में एक पत्रकार जी हम हम सरकार जी न्यूज़ ये भीं बता रहे हैं क़ी शहडोल जिले का ये पत्रकार पत्रकारिता क़ो कलंकित करने पर ही तुला हुआ हैं ग्लोबल सहकार नाम क़ी रेत खनन करने वाली कम्पनी में अब मुलाजिम हैं औऱ पत्रकारों क़ो ही धमकी चमकी कर के मामला सेटलमेंट का खेल खेल रहे हैं शहडोल जिले में चल रहे अवैध वसूली के खेल में महारथी हासिल करने वाले कथित पत्रकार नगर के बड़े अवैध कार्य करने वालो का मसीहा बने फिर रहे हैं जिसके सारे दो नंबर के कार्यों के करने वालो से साठ गांठ व बड़े व्यापारी एवम आम जनता सहित शासन प्रशासन,जनप्रतिनिधियों को ब्लैकमेलिंग कर मोटी रकम वसूलने का कार्य करते हैं जिसके कारण शहडोल नगर में पत्रकारों की छबि दिन प्रति दिन खराब होते जा रही हैं कथित पत्रकार का ज़िले के किसी भी पत्रकार संघ से कोई संबध नहीं हैं सभी पत्रकार संगठन के द्वारा प्रशासन को यह भी जानकारी दिया गया की यह तथाकथित पत्रकार किसी भी खबर को तोड़ मरोड़ कर डिजिटल एडिशन में सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर डालकर लोगों की छबि को खराब कर रहा हैं जिसके चलते पत्रकार साथी क़ो परेशानी उठानी पड़ रही हैं जी न्यूज़ ये भीं हैं सरकार क़ी इस तथाकथित पत्रकार पर यदि प्रशासन कार्यवाही नहीं करता तो निश्चय ही यह यहाँ क़ी भोली जनता क़ो पत्रकारिता क़ी धौस दिखा कर ऐसे ही ब्लेकमेलिंग का खेल खेलता रहेगा
आपको बता दें कि ज़िले में फर्जी पत्रकार के नाम से बेखौफ घूम रहे ये एक कथित पत्रकार अपना रुतबा बढ़ाने के लिए एक बड़े मिडिया घराने क़ी चाकरी भीं कर रहा साथ ही सहकार ग्लोबल कम्पनी का मुलाजिम बन कर वहाँ से भीं पैसा ऐंठ रहा है।
रेत खनन क़ी आड़ में जी का दखल
शहडोल की सबसे बड़ी खदान ब्यौहारी से मानपुर रोड पर लगभग 20 किमी दूर पोड़ी कला गांव में है। इस खदान का ठेका सहकार ग्लोबल कंपनी के पास है। अवैध खनन की वजह से सोन नदी की धारा की दिशा ही अवैध रेत खनन के कारण बदल चुकी है। एनजीटी का नियम है कि नदी के भीतर से रेत खनन नहीं किया जा सकता, लेकिन यहां इस नियम की धज्जियां उड़ती नजर आ रही हैं सहकार ग्लोबल कम्पनी क़ी बड़ी बड़ी पोक्लैन मशीने नदियों के गहराई वाले स्थानों से रास्ता बना कर भारी मात्रा में रेत का खनन कर रही हैं सामूचे शहडोल जिले में इस समय सहकार ग्लोबल के गुर्गे फैले हुए हैं ज़ो न तो नियमो क़ो मानते ना ही कानून का इन पर कोई ख़ौफ़ हैं उसकी वजह एक तथाकथित पत्रकार द्वारा सहकार ग्लोबल कम्पनी क़ो खुला संरक्षण दिया जा रहा है जैतपुर के पास लुकामपुर में खुले तौर रेत का खनन सहकार ग्लोबल कम्पनी ही करवा रही हैं
जी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क क़ी हो गई दुर्दशा, जिम्मेदार कौन
आप क़ो बता दे क़ी (PMGSY) सड़क निर्माण ग्रामीण अंचलों क़ो शहरों से जोड़ने के लिए बनाई गई है ताकि ग्रामीणों को शहर से जोड़ा जा सके औऱ ग्रामीण लोगों के जीवन स्तर क़ो सुधर जा सके लेकिन यहाँ तो सब कुछ उल्टा ही चल रहा
खनन माफिया एक ओर जहां ओवरलोड रेत परिवहन करके राजस्व के साथ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) में बनी सड़कों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। PMGSY के नियमों में साफ लिखा है कि उसकी सड़कों पर 10 टन की क्षमता से ज्यादा वाले वाहन पूरी तरह से प्रतिबंधित है, लेकिन खदान से निकलने वाले हाईवा और डंपर 40 और 50 टन से ज्यादा रेत भरकर सड़कों पर फर्राटे नजर आ रहे हैं यही वजह है कि सड़कें कुछ दिनों बाद ही खस्ताहाल हो जाती है औऱ औऱ सड़को पर चलने वालो क़ी जान क़ो जोखिम में डाल रहे हैं, ग्रामीण अंचल होने के कारण सड़को पर मवेशी बैठे रहते हैं ज़ो तेज राफ्तार से आ रहे हाइवा क़ी चपेट में आ कर असमय ही काल के गाल में समा रहे हैं यदि स्थनीय पुलिस इस पर कार्यवाही करना भीं चाहे तो नामी मिडिया समूह का एक तथाकथित पत्रकार उन पर अपनी मिडिया समूह क़ी ऊँची सेटिंग बता कर कार्यवाही न करने क़ी बात कर मामला सेटिंग करने का जोर देता हैं।