मामा ऊर्फ संजय शुक्ला ने बदली अपनी चाल पुलिस को बनाया ढालघोड़ी से करवा रहा कमाल निकाल रहा नाल

गीता ग्राम में खुलेआम चल रहा घोड़ी का खेल चाचाई पुलिस की सांठ गांठ

चचाई पुलिस को जानकारी होने के बाद अवैध कार्यों पर नहीं कर रही कार्यवाही

आप सभी ने अपने बचपन में लूडो खेला होगा उस लूडो में पासा होता हैं उसी पासे को हाइटेक बना कर पैसे का खेल खेलने को स्थनीय भाषा में घोड़ी कहा जाता हैं जिसका फायदा इसको खिलाने वालो को नाल के रूप में मिलता हैं जिससे संजय शुक्ला ऊर्फ मामा और उनके साथियो में बाँट लिया जाता हैं और खिलाड़ियों का जब पैसा खत्म होने लगता हैं तो ऊंचे ब्याज दर पर उन्हें संजय शुक्ला का साथी मोंटी ब्याज पर देता हैं चचाई पुलिस क़ी बढ़ती निष्क्रियता पर स्थनीय लोगो में काफी रोष देखने में मिल रहा हैं पुलिस को मिलने वाले नज़राने से अब सिर्फ मतलब रहा गया इस लिए अब तक इन अवैध करयो में लिप्त लोगो पर कार्यवाही नहीं कर रही है

चचाई, ऊर्जा नगरी के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में काफी लंबे समय से जुआ (घोड़ी) का कारोबार बेखौफ संचालित हो रहा है। अधिकारियों को इसकी जानकारी होने के बावजूद किसी प्रकार की मुहिम नहीं चलाई जा रही है। इस कारण सामूचे क्षेत्र में खुलेआम यह कारोबार खूब फलफूल रहा है।

क्षेत्र में कानून व्यवस्था बिगड़ी

ऊर्जा नगरी चचाई में इन दिनों कानून व्यवस्था इस तरह बिगड़ी है कि आपराधिक गतिविधियों में लिप्त लोगों को पुलिस का जरा भी भय नहीं है। चचाई थाना के अंतर्गत आने वाले गीतग्राम में करीब दो महीने से घोड़ी का खेल संजय शुक्ला ऊर्फ मामा और उसके साथी फैनी छंगा हरी द्वारा खिलाया जा रहा है। पहले तो कभी कभार एक-दो छोटे प्रकरण बनाकर खानापूर्ति कर दी जाती थी, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में ऐसी किसी प्रकार की मुहिम को अंजाम नहीं दिया जाता है। इस कारण घोड़ी जुए के अड्डे के संचालक संजय शुक्ला ऊर्फ मामा के हौसले बुलंद हैं। वो अपने काम को खुलेआम संचालित कर रहा हैं। ऐसे में लोगों का कहना है कि पुलिस के संरक्षण के कारण इनका संचालन हो रहा है।

नजर चुराता स्थानीय प्रशासन

चचाई पुलिस के अलावा जिला प्रशासन ने भी आंखें बंद कर ली हैं । चचाई थाना अंतर्गत आने वाले गीतग्राम नर्सरी व आसपास के जंगलो में चल रहे अवैध कारोबार से कई परिवार बर्बाद हो रहे हैं और बर्बादी की कगार पर है। स्थिति यह है कि चचाई अनूपपुर धनपुरी कोतमा बुढ़ार व आसपास के गांव के लोग अपनी किस्मत आजमाने संजय शुक्ला ऊर्फ मामा के घोड़ी खिलाने के अड्डे पहुँच रहे हैं जहाँ पर रोजाना लाखो रुपए क़ी नाल वसूली जाती हैं!

अपने अधिकारियो को चचाई पुलिस कर रही हैं गुमराह

गीतग्राम में खुलेआम घोड़ी का खेल चल रहा है, चचाई थाना के अंतर्गत होने से अमलाई पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही हैं और अपने अनुभाग में होने के बावजूद भी चचाई पुलिस गीतग्राम की तरफ नजर करना तो दूर की बात वे इस मामले से अनभिज्ञ ही बने हुए हैं। क्षेत्र में चल रहे अवैध कारोबार से प्रशासन नजर चुरा रहा है और वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह कर रहा है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि यह कार्य सत्ता पक्ष विपक्ष के कुछ राजनीतिक नेताओं के प्रभाव में चल रहा है। जुआरियों के खिलाफ में कार्रवाई नहीं होने की वजह से अब उनके हौसले बुलंद होते चले गए हैं।
चाचाई पुलिस पर कोई असर नहीं होता दिख रहा है, कारण कि आज भी जुआरी जुआ खेलने में मस्त हैं और लाखों-रुपए का(घोड़ी) जुआ प्रतिदिन गीतग्राम नर्सरी पर खिलाया जा रहा हैं इन सब के पीछे मास्टरमाइंड संजय शुक्ला ऊर्फ मामा और उसके सहयोगी फैनी छंगा, हरी क़ी देख रेख में चला रहा हैं चचाई पुलिस खामोशी से अपना हफ्ता वसूलने में लगी हुई हैं उन्हें आर्थिक तंगी से परेशान इनके परिवार क़ी कोई चिंता नहीं

हाईटेक टेक्नालाजी अपनाकर कर रहे गुमराह

सूत्रों के अनुसार संजय
शुक्ला ऊर्फ मामा और उनके तीन साथी हाईटेक टेक्नालाजी अपनाकर अपने गुर्गों को रास्ते में खड़े कर गीतग्राम के जंगलो के किनारे व आसपास के जंगलों में झाड़ी और पेड़ के नीचे दरी बिछाकर आसमान के नीचे घोड़ी का खेल खिलवा रहे हैं और अब तो चार पहिया वाहनों में जुआरी लोग पहुंचने लगे हैं और यही जुआरी गीता ग्राम के ही अलग-अलग स्थानों में बदल कर जुआ (घोड़ी) को अंजाम दे रहे हैं। वहीं, चचाई पुलिस बड़ी कार्रवाई करने से बच रही है। बहुत ही बड़ी विडंबना है कि अनूपपुर जिले के अंतर्गत आने वाले गीतग्राम के जंगलो में जुआरियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं चल रही है, हालांकि चाचाई पुलिस के अधिकारियों का कथन है कि जुआ सट्टा और शराब के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है, परंतु कार्रवाई पर एक नजर डाली जाए तो सिर्फ छोटे लोगों पर ही कारवाई की गई है। बड़ी मछलियों और रसूखदार लोगों पर चाचाई पुलिस कार्रवाई नहीं कर पा रही है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि यह कार्य सत्ता पक्ष विपक्ष के कुछ राजनीतिक नेताओं के प्रभाव में चल रहा है।

आपको बता दे क़ी चाचाई पुलिस पर इसका कोई असर होते नहीं दिख रहा है, यही कारण हैं कि आज भी जुआरी (घोड़ी) खेलने में मस्त हैं और लाखों-रुपए का (घोड़ी) जुआ प्रतिदिन गीता ग्राम के जंगलो में खिलाया जा रहा हैं

संजय मामा फैनी और छंगा क़ी हाईटेक टेक्नालाजी खिला रही (घोड़ी)

सूत्रों के अनुसार संजय
शुक्ला ऊर्फ मामा और उनके तीन साथी हाईटेक टेक्नालाजी अपनाकर अपने गुर्गों को रास्ते में निगरानी करने के लिए खड़े कर गीतग्राम के किनारे व आसपास के जंगलों में झाड़ी और पेड़ के नीचे दरी बिछाकर आसमान के नीचे घोड़ी का खेल खिलवा रहे हैं वही चचाई पुलिस बड़ी कार्रवाई करने से बच रही है। बहुत ही बड़ी विडंबना है कि अनूपपुर जिले के अंतर्गत आने वाले बसंतपुर रोड में जुआरियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं चल रही है, हालांकि चाचाई पुलिस के अधिकारियों का कथन है कि जुआ सट्टा और शराब के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है, परंतु कार्रवाई पर एक नजर डाली जाए तो सिर्फ छोटे लोगों पर ही कारवाई की गई है। बड़ी मछलियों और रसूखदार जैसे लोगों पर चाचाई पुलिस कार्रवाई नहीं कर पा रही है।

20%ब्याज में मोंटी का धंधा हो गया चंगा

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संजय शुक्ला ऊर्फ मामा के साथी मोंटी द्वारा जुए के शौकीनो को 20 प्रतिशत के मोटे ब्याज पर पैसा देता हैं साथ ही मोटरसायकल, मोबाइल फोन गिरवी रखने का भी कारोबार मोंटी नामक सूदखोर कर रहा हैं जिसकी जानकारी पुलिस को बखूबी हैं परंतु मोंटी जैसे सुदखोर से मिलने वाले मोटे नज़राने से चाचाई पुलिस देश भक्ति जन सेवा क़ी राह पर चल पडती हैं

संजय, फैनी ,छंगा ,हरी, मोंटी पर चाचाई पुलिस क्यू हैं इतनी मेहरबान

अमलाई, चाचाई और अमलाई थाना छेत्र क़ी सीमा से लगे गीतग्राम के जंगलो में जुवाड़ियों क़ी धमाचौकड़ी का अड्डा बना हुआ हैं दिन के 10 बजे से शाम 7 बजे तक जुवाड़ियाओ का यहाँ जमवाड़ा खुलेआम देखने को मिल जाएगा विश्वत्र सूत्रों के अनुसार चाचाई पुलिस कोरम पूरा करने के लिए गस्त भी गाहे बगाहे ही करती हैं संजय शुक्ला ऊर्फ मामा और उनके साथी और फैनी हरी छंगा क़ी तिकड़ी इतनी प्रगढ़ हैं क़ी कोई भी इनक़ी तरफ आँख उठा कर भी नहीं देख सकता पुलिस और स्थनीय नेताओ का इन्हे खुला संरक्षण प्राप्त होने के कारण इनके अवैध धंधे का कारोबार खूब फल फूल रहा हैं!

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