महाकाल रेत कंपनी चैन माउंटिंग मशीन लगाकर नदियों का सीना कर रही छलनी

प्रधान संपादक इरफ़ान खान

उमरिया जिले में महाकाल का तांडव

ठेका कंपनी की खुली लूट का शासन_ प्रशासन का संरक्षण

महाकाल ग्रुप का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है ठेका कंपनी द्वारा दिनदहाड़े अमिलिया खदान एवं भदार नदी का सीना छलनी कर चांदी काटने में मशगूल है वहीं विभाग है कि सिर्फ कार्यवाही का खोखले दावे कर रहा है ठेका कंपनी के हौसले इतने बुलंद है कि भदार नदी में नियमों को ताक पर रखकर मशीनों से बड़े-बड़े गड्ढे किए जा रहे हैं जिसमें कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है

उमरिया _ रेत खदान में सरेआम बड़े वाहन नदी के अंदर तक प्रवेश करवाया जा रहा है मनाही के बाद भी पानी की धार से रेत निकालने का कारोबार किया जाता है।रेत से भरे वाहन जब सड़क पर आते हैं तो पानी से सड़क गीली होती जाती है। जिससे यह साबित होता है कि पानी के अंदर से गीली रेत निकाली गई है आरोप है कि लीज की आड़ में और स्थानों पर भी रेत की सप्लाई की जाती है लीज के नियमानुसार रेत वही जानी चाहिए जहां के लिए लीज है रेत खदानों में एनजीटी के नियमों का पालन होता नहीं दिख रहा है नियमों का पालन कराने वाले विभागों की अनदेखी का ही नतीजा है की खदानों के भीतर न केवल मशीने लगाकर रेत का उत्खनन कराया जाता है बल्कि नदी की धार तक ट्रैक्टर ट्रक वा हाईवा जैसे वाहन उतारे जाते हैं किस तरह की अनदेखी वैध खदानों में भी देखने में आ रहें हैं जहां लीज नहीं है वहां के हालत तो और भी खराब है। जिले के मानपुर तहसील अंतर्गत अमिलिया एवं सलैया, मुड़गुड़ी,पड़वार के बीच के गांव से निकलने वाली भदार नदी का रेत ठेका कंपनी के कारिंदे सीना छलनी करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहें हैं।

चीरा जा रहा है नदी का सीना

रेत ठेका कंपनी के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि अब रात के अंधेरे में चोरी छुपे नहीं बल्कि दिनदहाड़े नदियों का सीना चीर कर रेत लूटने में लगे हुए हैं इधर घाट के किनारे की रेत खत्म हो जाने से अब नदी के पानी के अंदर से रेत निकालने के लिए पोकलेन मशीन उतार दी गई है जिसे हैवी मशीनों से ट्रको ,डंपरों और ट्रैक्टर में भरकर बेचा जा रहा है इस पूरे खेल में स्थानीय प्रशासनिक अमला और वर्दी धारी का संरक्षण ठेका कंपनी को मिला हुआ है।

शरद के इशारे पर पीयूष _उपेंद्र का खेल

महाकाल ग्रुप का पूरा कारोबार शरद के कंधे पर टिका हुआ है पीयूष_ उपेंद्र स्थानीय मैनेजमेंट में माहिर है शरद नामक व्यक्ति द्वारा बड़े-बड़े सत्ताधारी दल के नेताओं के साथ फोटो खिचाकर अधिकारियों पर रौब झाड़ते है। वहीं स्थानीय स्तर पर पीयूष और उपेंद्र मैनेजमेंट में माहिर है हालांकि चर्चा यह है कि ठेका कंपनी अगर सत्ताधारी नेताओं के संरक्षण में कायदों को रौंद रहे हैं।
तो विपक्ष की भूमिका निभाने वाला राजनीतिक दल किस वक्त का इंतजार कर रहा है ❓
क्या उनका यह दायित्व नहीं बनता है कि बहती जल की धारा को रोक कर, मशीन लगाकर, अवैध तरीके से रेत का उत्खनन करने ,नदी का सीना छलनी करने, पर्यावरण को छती पहुंचाने, ग्रामीणों को असुविधा पहुंचाने वालों, जानवरों को नदी से दूर करने वाले कथित ठेका कंपनी बनाम माफिया के खिलाफ आवाज़ उठाएं और अपने क्षेत्र की जनता के दुख दर्द का साथी बनें।

खनिज अधिकारी सहित मार्को और चतुर्वेदी की संदिग्ध भूमिका

लीज से हटकर जो अमिलिया एवं भदार नदी में महाकाल ग्रुप अवैध उत्खनन कर लगातार रहा है। उसमें जिला खनिज अधिकारी के साथ साथ मार्को और चतुर्वेदी की भी भूमिका है।कारण यह है कि सब कुछ जानते हुए भी जिले के खनिज अधिकारी मय स्टाप की मिलीभगत है और जानबूझ कर भदार नदी को छलनी करानें मे जुटे हुए हैं। हालांकि जन चर्चा यह भी है कि लाखों का लिफाफा पाकर, शिकायत को दरकिनार करते हुए कार्यवाही करने की बजाय आराम फरमाते हुए ऐश कर रहे हैं।

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