नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया। कई जगहों पर पुलिस और भीड़ के बीच हिंसा हुई जिसमें बड़ी संख्या में लोग घायल हुए और कइयों की जान चली गई। हालांकि, फिरोजाबाद के एक पुलिसकर्मी की किस्मत अच्छी थी कि भीड़ के हाथों जान गंवाने से पहले ही उन्हें एक फरिश्ता मिल गया जो उन्हें सुरक्षित बचा ले गया।
‘फरिश्ता बनकर आए हाजी कादिर‘
फिरोजाबाद में तैनात पुलिसकर्मी अजय कुमार हिंसक भीड़ के बीच फंस गए थे लेकिन हाजी कादिर ने उनकी जान बचा ली। अजय ने बताया, ‘भीड़ ने मुझे घेर लिया और पीटना शुरू कर दिया। हाजी साहब ने आकर मुझे बचाया। वह मुझे अपने घर ले गए। मेरी उंगलियों और सिर पर चोट लगी थी। उन्होंने मुझे पानी और कपड़े दिए और सुनिश्चित किया कि मैं सुरक्षित हूं। वह बाद में मुझे पुलिस स्टेशन लेकर गए। वह मेरी जिंदगी में फरिश्ता बनकर आए। अगर वह नहीं होते तो मुझे मार दिया जाता।’
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‘इंसानियत के नाते किया’
मुसीबत के वक्त इंसानियत की मिसाल कायम करने वाले हाजी कादिर ने बताया, ‘मैं नमाज पढ़ रहा था जब मुझे बताया गया कि एक पुलिसवाले को भीड़ ने घेर लिया है। वह बुरी तरह से घायल हो गए थे। मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि मैं उन्हें बचाऊंगा। मुझे उस वक्त उनका नाम नहीं पता था, जो मैंने किया कि वह मानवता के लिए था।’
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ईंट-पत्थर हटाने को कहा
यूपी के फिरोजाबाद में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ 20 दिसंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद हालात सामान्य हो रहे हैं। पुलिस संवेदनशील इलाकों की ड्रोन कैमरे से निगरानी कर रही है। इस दौरान कुछ इलाकों में 57 घरों की छत पर ईंट-पत्थर इकट्ठा देखे गए। पुलिस ने इन घरों के मालिकों को तुरंत ईंट पत्थर हटाने के लिए कहा है।
Source: International