काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस का 43 साल बाद वाराणसी स्टेशन से टूटा नाता

वाराणसी
काशी से नई दिल्ली जाने वाली सबसे पहली ट्रेन काशी विश्वनाथ का 43 साल बाद वाराणसी रेलवे स्टेशन से नाता टूट गया। गुरुवार से यह ट्रेन की बजाय मण्डुआडीह स्टेशन से जाएगी। गौरतलब है कि यह ट्रेन साल 1977 में तत्कालीन रेलमंत्री कमलापति त्रिपाठी के प्रयासों से शुरू हुई थी, जिसे उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हरी झंडी दिखाई थी।

वाराणसी स्टेशन पर प्रस्तावित रिमॉडलिंग कार्य के चलते रेलवे प्रशासन ने को दो जनवरी से मण्डुआडीह स्टेशन से चलाने का निर्णय लिया है। सिर्फ काशी विश्वनाथ ही नहीं बल्कि पांच अन्य ट्रेनों को मण्डुआडीह स्टेशन से चलाने का निर्णय लिया है। जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को वाराणसी से प्रस्थान करने वाली 14257 वाराणसी-नई दिल्ली काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस को मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म सं. 8 से दोपहर डेढ़ बजे वरिष्ठ तकनीशियन/कैरेज/मंडुवाडीह जमुना यादव ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक विजय कुमार पंजियार, अपर मंडल रेल प्रबंधक (इन्फ्रा) प्रवीण कुमार, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक रोहित गुप्ता, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक संजीव शर्मा, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक(सामान्य) एके सक्सेना, वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर कैरेज ऐंड वैगन श्री बीपी सिंह, सहायक नगर इंजिनियर श्री एनके पाठक एवं स्टेशन के कर्मचारी उपस्थित थे।

Source: International

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