मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित कांग्रेस के सेवा दल प्रशिक्षण शिविर में विनायक दामोदर सावरकर और के संबंधों को लेकर एक विवादित साहित्य बांटने का मामला सामने आया है। इसमें दावा किया गया है कि हिंदू महासभा के सह-संस्थापक सावरकर और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे के बीच शारीरिक संबंध थे। इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस और शिवसेना पर निशाना साधा है।
वीर सावरकर-कितने ‘वीर’ नामक इस बुकलेट में सावरकर से जुड़े तमाम घटनाओं, सवालों और विवादों के बारे में जानकारी दी गई है। बताया गया है कि ब्रह्मचर्य ग्रहण करने से पहले नाथूराम गोडसे के से होमोसेक्सुअल संबंध थे। इस बुकलेट में यह भी बताया गया है कि वीर सावरकर जब 12 साल के थे तब उन्होंने एक मस्जिद पर पत्थर भी बरसाए थे। बुकलेट में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को नाजी और फासीवादी संस्था के रूप में दर्शाया गया है। यह भी कहा गया है कि संघ का हिटलर के नाजीवाद और मुसोलिनी के फासीवाद से प्रेरणा मिलती है।
सुबूतों के आधार पर लिखी गई बुकलेट: कांग्रेस
वहीं, इस विवादित बुकलेट के बारे में कांग्रेस नेता लालजी देसाई का कहना है कि बुकलेट में भी जो बातें कही गई हैं, लेखक ने सुबूतों के आधार पर लिखे हैं। यह मसला हमारे लिए बहुत मायने नहीं रखता है। हमारे देश में तो अब हर किसी को अपनी प्राथमिकताएं तय करने का कानूनी अधिकार है।
यह कांग्रेस का उद्धव को अपमानित करने का तरीका: बीजेपी
कांग्रेस की इस बुकलेट पर प्रहार करते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित मालवीय ने कहा है कि कांग्रेस और इसके सहयोगी लगातार वीर सावरकर को बदनाम कर रहे हैं जबकि महाराष्ट्र में शिवसेना मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज है। यह कुछ और नहीं बल्कि कांग्रेस द्वारा उद्धव ठाकरे को अपमानित करने का एक तरीका है, जिनके पिता महान बाला साहेब ठाकरे वैचारिक मुद्दों पर कोई समझौता नहीं करते थे।
Source: Madhyapradesh