राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) केंद्र सरकार के नए ट्रस्ट की घोषणा का इंतजार कर रही है। उसी के बाद वह अपनी नई भूमिका तय करेगी। प्रयागराज में होने वाली केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में संतों के निर्देश पर अगला कार्यक्रम तय होगा।
वीएचपी के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय और आरएसएस के सह सरसंघकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने हाल ही में अपने अयोध्या दौरे में स्पष्ट कर दिया कि श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का मार्ग अब प्रशस्त हो गया है। बाधाएं समाप्त हैं, अब निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी। यह बात भी साफ है कि 1989 में राम मंदिर का जो मॉडल बना, वह संतों ने पूजित कर करोड़ों राम भक्तों के घर पहुंचाया। वह लोगों के मन में है। साथ ही इस पर रामभक्तों की मुहर लग चुकी है। इसमें किसी तरह का परिवर्तन अब होने वाला नहीं है।
शर्मा ने बताया कि दोनों शीर्ष पदाधिकारियों ने तीन मंजिल के मॉडल की खबर को खारिज करते हुए साफ किया कि ऐसा सुझाव देने वालों को 1989 के पहले सुझाव रखना था, जब मंदिर आंदोलन के दौरान राम मंदिर का मॉडल बन रहा था। शर्मा ने कहा कि जो ढांचा 6 दिसंबर को समाप्त हुआ, वह मंदिर का था और मंदिर के मलबे मांगने वाले इस सत्य को अब स्वीकार कर लें।
‘दर्शन करने वालों को मिले सुविधा’
शरद शर्मा ने कहा कि मंदिर निर्माण के साथ ही दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। सभी चाहते हैं कि अयोध्या का सर्वांगीण विकास हो जिससे श्रद्धालुगण जो यहां रामलला का दर्शन करने आएं उन्हें यहां किसी तरह का कष्ट न उठाना पड़े।
‘मस्जिद निर्माण के लिए समय तय नहीं’
वीएचपी के प्रवक्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में मस्जिद निर्माण के लिए कोई समय नही दिया गया है। बस इतना कहा है कि सरकार मुस्लिम पक्ष को भूमि उपलब्ध करवाए। ऐसे में सरकार के ऊपर है कि वह सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को जमीन कहां और कब उपलब्ध करवाती है। वीएचपी की मस्जिद को लेकर शर्त पहले से तय है।
Source: International