करीब 6 साल तक उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के सितारगंज की 62 साल की मोबिन अंसारी एक विधवा का जीवन जीती रहीं। उनके पति जमील अहमद अंसारी 2013 के केदारनाथ हादसे से बाद से गायब थे और मान लिया गया था कि वह कभी नहीं लौटेंगे। हालांकि, 31 दिसंबर को मोबिन को एक विडियो कॉल आया जिसे देखकर उनके होश उड़ गए। यह कॉल उनके पति का था।
पुलिस ने के तहत जमील को खोज निकाला था। हादसे के बाद उनकी याद्दाश्त चली गई थी और वह चमोली के गोपेश्वर में एक शेल्टर होम में रह रहे थे। पुलिस अधिकारियों ने किसी तरह सोशल मीडिया पर उनके फोटोज पोस्ट करके उन्हें खोज निकाला। आखिरकार जमील 1 जनवरी को अपने परिवार से मिल सके।
केदारनाथ हादसे में अलकनंदा में बहे
चमोली जिले में ऑपरेशन स्माइल चलाने वाले सब-इंस्पेक्टर नितिन बिष्ट ने बताया कि जमील 2013 में लंबागड़ में मजदूरी करते थे। जब केदारनाथ की आपदा आई तो वह अलकनंदा में बह गए और उसके बाद क्या हुआ उन्हें याद नहीं। बिष्ट ने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने जमील से 2016 में बात की जब उन्हें शेल्टर होम में पाया गया।
उस वक्त उन्होंने अपना नाम जहीर खान बताया लेकिन इस बार दिसंबर जब वह मिले तो उन्होंने अपना नाम जमील बताया। जमील की तस्वीर को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया जहां से उनके भतीजे ने उन्हें पहचान लिया। 1 जनवरी को मोबिन और उनके बेटे गोपेश्वर गए जहां पुलिस ने जमील को उन्हें सौंप दिया।
Source: National