नई दिल्ली -भारत के मून लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क उस समय टूट गया, जब वह चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ रहा था. इससे जहां इसरो के वैज्ञानिकों में निराशा देखने को मिली, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि आपने बहुत अच्छा काम किया है. इसरो सेंटर से रवाना होने से पहले पीएम मोदी वहां पहुंचे स्कूली बच्चों से मुखातिब हुए और चंद्रयान-2 से जुड़े सवालों के जवाब दिए.
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार रात पहले देश भर के छात्रों के साथ बातचीत की, जिन्हें इसरो की ‘स्पेस क्विज’ प्रतियोगिता के माध्यम से चुना गया था. उसके बाद वे रवाना हो गए. शनिवार सुबह 8 बजे पीएम मोदी फिर इसरो सेंटर पहुंचेंगे और राष्ट्र को संबोधित करेंगे. कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री चंद्रयान-2 मिशन के बारे में देशवासियों को जानकारी दे सकते हैं.
इसरो सेंटर में बातचीत के दौरान एक छात्र ने प्रधानमंत्री से पूछा कि वह देश का राष्ट्रपति बनना चाहता है, इसके लिए उसे क्या करना चाहिए? इसके जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा, राष्ट्रपति क्यों, प्रधानमंत्री क्यों नहीं? बता दें, चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखने के लिए देश भर से 60 छात्रों का क्विज प्रतियोगिता के जरिए चयन किया गया था जो प्रधानमंत्री के साथ इसरो सेंटर में मौजूद थे. प्रधानमंत्री ने बाद में इन छात्रों से बात की और उनके सवालों के जवाब दिए.
गौरतलब है कि शनिवार तड़के चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को चांद की सतह पर उतरना था लेकिन इसमें कोई दिक्कत आ गई है. हालांकि वैज्ञानिक आंकड़ों का अध्ययन कर रहे हैं और आगे जानकारी दिए जाने की बात कही गई है. इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसरो सेंटर पहुंचे थे. 22 जुलाई को चंद्रयान-2 लांच किया गया था. चंद्रयान में तीन प्रमुख हिस्से हैं- ऑर्बिटर (वजन 2,379 किलोग्राम, आठ पे लोड्स), लैंडर विक्रम (1,471 किलोग्राम, चार पे लोड्स) और एक रॉवर प्रज्ञान (27 किलोग्राम, दो पे लोड्स).