भव्यतम विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण शुरू, 18 महीने में पूरा करा लिया जाएगा काम

वाराणसी
वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्‍वाकांक्षी परियोजना काशी विश्‍वनाथ धाम (कॉरिडोर) का निर्माण मकर संक्राति के दिन बुधवार से शुरू हो गया। धाम का निर्माण करने वाली अहमदाबाद की कंपनी पीएसपी के प्रॉजेक्‍ट मैनेजर शशिकांत प्रजापति ने अपनी टीम के साथ विधिववत पूजन के बाद काम शुरू कराया। कंपनी का दावा है कि 18 महीने में प्रॉजेक्‍ट पूरा हो जाएगा। इसके लिए देश भर से विशेषज्ञ, मजदूर और मशीनें मंगाई जा रही हैं।

विश्‍वनाथ मंदिर के विस्‍तारीकरण के लिए मंदिर से गंगा तट तक बनने वाले विश्‍वनाथ धाम की आधारशिला पीएम मोदी ने 8 मार्च 2019 को रखी थी। प्‍लान के मुताबिक खरमास खत्‍म होते ही मकर संक्राति के शुभ दिन विश्‍वनाथ धाम में बनने वाले सिटी म्‍यूजियम की जगह पर खोदे गए गड्ढे में पूजन करने के बाद काम शुरू किया गया। इस मौके पर मंदिर के सीईओ विशाल सिंह भी मौजूद रहे। विश्‍वनाथ मंदिर के पुजारी केदारनाथ उपाध्‍याय ने पूजन कराया। विश्‍वनाथ धाम के निर्माण पर 339 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

धाम का निर्माण कराने वाली कंपनी के प्रॉजेक्‍ट मैनेजर शशिकांत प्रजापति ने बताया कि यह प्रॉजेक्‍ट बेहद खास है। विश्‍वनाथ धाम एरिया में जितने भी मंदिर मिले हैं उनके फ्लोर लेवल को छेड़छाड़ किए बिना एवं पौराणिकता का ध्‍यान रख कर निर्माण कार्य किया जाएगा। काशी नगरी के धार्मिक और सांस्‍कृतिक स्‍वरूप के दर्शन करने वाला अनूठा विश्‍वनाथ धाम करीब 50 हजार वर्गमीटर में बनेगा।

इसमें 40 फीसदी निर्माण और 60 फीसदी खुला और हरियाली क्षेत्र होगा। सांस्‍कृतिक और सामूहिक गतिविधियों के लिए मल्‍टीपर्पज हॉल तो जलासेन और ललिता घाट के बीच बड़ा मंच बनेगा। वाराणसी गैलरी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र होगी। धरोहरो को संजोने के लिए सिटी म्‍यूजियम, यात्रि निवास और मोक्ष भवन भी बनाया जाएगा।

बदल जाएगी तस्‍वीर
काशी विश्‍वनाथ धाम बनकर तैयार होने पर शहर की तस्‍वीर काफी कुछ बदल जाएगी। गंगा तट से विश्‍वनाथ मंदिर दिखेगा तो वहीं से श्रद्धालु सीधे मंदिर तक पहुंच सकेंगे। परिसर में इतनी जगह होगी कि लाखों की भीड़ होने पर भी श्रद्धालुओं को दिक्‍कत नहीं होगी। गंगा में फेरी सर्विस शुरू होने पर बाहर से आने वाले श्रद्धालु पानी वाले जहाज से मणिकर्णिका घाट व ललिता घाट पहुंचेंगे और बाबा का दर्शन करके लौट जाएंगे। उन्‍हें शहर की संकरी सड़कों से नहीं गुजरना होगा।

Source: International

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *