प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आर्थिक अपराध शाखा ने उच्च न्यायालय के इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी। राकेश वधावन और सारंग वधावन को सात हजार करोड़ रुपये के पंजाब ऐंड महाराष्ट्र कॉपरेटिव (पीएमसी) घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायधीश एसए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ के सामने इस मामले को रखा। पीठ में न्यायमूर्ति बीआरगवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत भी शामिल थे।
मेहता ने पीठ को बताया कि राकेश वधावन और सारंग वधावन को ऑर्थर रोड जेल से आवास में स्थानांतरित करना, दोनों को जमानत देने जैसा होगा। उन्होंने इस फैसले पर रोक लगाने की सुप्रीम कोर्ट से मांग की। मेहता ने कहा कि उनकी आपत्ति सिर्फ दोनों प्रमोटरों को आवास में स्थानांतरित करने को लेकर है। उन्होंने कहा कि बंबई उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति की निगरानी में प्रमोटरों की संपत्तियों की बिक्री से संबंधित आदेश को लेकर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। हाई कोर्ट ने मेहता की दलीलों को स्वीकार किया और राकेश और सारंग को जेल से आवास में स्थानांतरित करने के आदेश पर रोक लगा दी।
Source: National