2018 में बीडब्ल्यूएफ ने एक नियम बनाया था, जिसके तहत शीर्ष खिलाड़ियों को साल में कम से कम 12 इवेंट्स में खेलना अनिवार्य है। पहले 10 टूर्नमेंट्स में खेलना अनिवार्य था।
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श्रीकांत ने कहा, ‘पहला टॉप प्लेअर्स को 10 टूर्नमेंट्स में खेलना अनिवार्य था लेकिन अब इसकी संख्या 12 हो चुकी है। यह आसान नहीं है। इससे खिलाड़ी चोटिल हो रहे हैं। ऐसे में एक खिलाड़ी को अपने हिसाब से टूर्नमेंट चुनने की आजादी मिलनी चाहिए। अब मैं काफी चुनिंदा इवेंट्स में खेल रहा हूं।’
श्रीकांत ने कहा कि व्यस्त कार्यक्रम के कारण उनकी मौजूदा फॉर्म पर असर पड़ा है। श्रीकांत ने कहा, ‘12 के अलावा घरेलू टूर्नमेंट में खेलने के लिए अलग स्तर की फिटनेस चाहिए होती है। इसके अलावा हमें लीग में भी खेलना होता है। इससे खिलाड़ियों पर विपरीत असर पड़ रहा है और वे चोटिल हो रहे हैं। मेरी फॉर्म भी व्यस्त कार्यक्रम के कारण प्रभावित हुी है।’
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पूर्व वर्ल्ड नंबर-1 श्रीकांत ने कहा कि व्यस्त कार्यक्रम के कारण फिटनेस पर ध्यान देना मुश्किल हो गया है। साथ ही श्रीकांत ने यहा कि वह खुद को संयमित करते हुए अब चुनिंदा टूर्नमेंट्स में खेलेंगे और एक बार फिर वर्ल्ड नंबर-1 पोजिशन हासिल करने का प्रयास करेंगे।
Source: Sports