कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद अब वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी कश्मीर घाटी से गिरफ्तार पुलिस अधिकारी देविंदर सिंह के मामले को को सौंपे जाने को लेकर सवाल खड़े किए हैं। दिग्विजय ने कहा कि अभी एनआईए की कमान संभाल रहे अधिकारी ने ही गुजरात दंगे में प्रधानमंत्री को क्लीन चिट दी थी।
राज्यसभा सांसद दिग्विजय ने कहा, ‘डीएसपी रहे देविंदर सिंह के केस की जांच एनआईए करेगी, जिसके प्रमुख वाईसी मोदी हैं। वह गुजरात के निवासी हैं। वाईसी मोदी ने 2002 के गुजरात के दंगों के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तथा सोहराबुद्दीन केस में गृहमंत्री को क्लीन चिट दे चुके हैं। उन्हें यह केस सौंपा ही इसलिए गया है कि देविंदर सिंह को बचाया जा सके।’
राहुल गांधी ने भी जताई थी आपत्ति
इससे पहले राहुल गांधी ने भी मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की मांग करते हुए गांधी ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी देविंदर सिंह के मामले पर चुप क्यों हैं। राहुल ने केस को एनआईए को दिए जाने पर आपत्ति जताई है। इसके साथ ही प्रमुख वाईसी मोदी पर हमला किया है। राहुल गांधी ने कहा है कि एजेंसी एक ‘दूसरे मोदी’ के नेतृत्व में है जिसने गुजरात दंगों और हरेन पांड्या की हत्या की जांच की थी। उन्होंने कहा, ‘आतंकवादी डीएसपी देविंदर को चुप कराने का सर्वोत्तम तरीका है केस को एनआईए के हाथों सौंप देना।’
कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘कौन आतंकी देविंदर को खामोश करना चाहता है और क्यों चाहता है?’ राहुल गांधी ने गुरुवार को सवाल किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल खामोश क्यों हैं? उन्होंने यह भी कहा था कि देविंदर के खिलाफ त्वरित अदालत में मुकदमा चलना चाहिए और दोषी पाए जाने पर उसे कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
आतंकवादियों संग पकड़ा गया था आरोपी डीएसपी
जम्मू-कश्मीर पुलिस के ऐंटी-हाइजैंकिंग सेल के डीएसपी रहे देविंदर सिंह को 13 जनवरी को कुलगाम जिले में श्रीनगर-जम्मू नैशनल हाइवे पर एक कार में गिरफ्तार किया गया था। वह हिज्बुल कमांडर सईद नवीद, एक दूसरे आतंकी रफी रैदर और हिज्बुल के एक भूमिगत कार्यकर्ता इरफान मीर को लेकर जम्मू जा रहा था। अधिकारियों ने बताया कि डीएसपी आतंकियों को घाटी से बाहर निकालने में मदद कर रहा था। उधर डीएसपी के घर पर छापेमारी के दौरान 5 ग्रेनेड और 3 एके-47 बरामद हुई हैं।
Source: Madhyapradesh