मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पटेल नगर इलाके में सरकारी शाला के शौचालय में बुधवार रात को पहली कक्षा का सात वर्षीय छात्र सूरज खरते मृत पाया गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बालक की मौत का कारण गला घोंट देना बताया गया है, जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ का मामला दर्ज किया है।
इसी बीच, राज्य सरकार ने घटना की मैजिस्ट्रेट जांच तथा पीड़ित परिवार को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। जिला दंडाधिकारी तरुण पिथोड़े ने घटना की मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही गंभीर लापरवाही एवं उदासीनता बरतने को लेकर छात्रावास अधीक्षिका रेचल राम और पर्यवेक्षण अधिकारी शकील कुरैशी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
शुक्रवार को मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग के मंत्री ओमकार सिंह मरकाम ने छात्रावास के निरीक्षण के बाद कहा,‘छात्रावास में आवश्यक सुधार के निर्देश दिए गए हैं। बच्चे की मौत के जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।’ मरकाम ने मृतक बालक के परिवार को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की बात भी कही।
पिपलानी पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि बुधवार रात को छात्रावास में सूरज को उसके बड़े भाई नौ वर्षीय दीपक ने बाथरुम में पड़े देखा। सूचना मिलने पर छात्रावास अधीक्षक उसे पहले पास के निजी अस्पताल ले गई। बाद में सूरज को सरकारी जेपी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। उन्होंने बताया कि गुरुवार को शार्ट पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सूरज की मौत गला घोंटने से होना बताई गई। उन्होंने बताया कि पुलिस अज्ञात आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर जांच कर रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार सूरज के पिता राजेश खरपे रेहटी जिला सीहोर में रहकर मजदूरी करते हैं। सूरज ने जुलाई 2019 में यहां आदिवासी छात्रावास में प्रवेश लिया था तथा उसका बड़ा भाई दीपक खरपे (9) भी इसी शाला में दूसरी कक्षा में पढ़ता है।
Source: Madhyapradesh