निर्भया: नाबालिग था दोषी पवन? 20 को सुनवाई

नई दिल्ली
निर्भया गैंगरेप एवं मर्डर केस के एक दोषी की ओर से दायर () पर 20 जनवरी को सुनवाई करेगा। पवन ने अपनी याचिका में कहा है कि वह 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली में हुई इस घटना के वक्त नाबालिग था। उसने कहा कि दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई के वक्त इस तथ्य को नजरअंदाज कर दिया था।

दोषी पवन का दावा
पवन ने पिछले साल 18 दिसंबर को दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर दावा किया था कि वारदात के वक्त वह भी नाबालिग था। पवन ने कहा कि घटना के बाद हड्डियों की जांच के आधार पर उम्र का पता लगाने वाला परीक्षण उसके साथ नहीं किया गया था। ऐसे में उसे इसका लाभ दिया जाना चाहिए। पुलिस रेकॉर्ड में पवन की उम्र वारदात के समय 19 साल दर्ज है।

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रिहा हो चुका है एक नाबालिग दोषीनिर्भया के साथ दरिंदगी में शामिल एक नाबालिग को तीन साल की सजा के बाद रिहा किया जा चुका है। पूरे देश को हिलाकर रख देने वाली इस वारदात को छह लोगों ने मिलकर अंजाम दिया था। इनमें एक मुख्य आरोपी राम सिंह ने जेल में ही आत्महत्या कर ली थी। बाकी चार दोषियों मुकेश सिंह (32), अक्षय ठाकुर (31), पवन गुप्ता (25) और विनय शर्मा (26) को जल्दी ही फांसी पर लकटाया जाना है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दूसरी बार डेथ वॉरंट जारी करते हुए इन्हें फांसी देने की नई तारीख 1 फरवरी तय की है।

फांसी की तारीख टालते रहने की कवायद
पटियाला हाउस कोर्ट ने पहला डेथ वॉरंट 7 जनवरी को जारी किया था जिसमें दोषियों को फांसी देने की तारीख 22 जनवरी तय की गई थी। उसके बाद एक दोषी मुकेश सिंह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया याचिका दाखिल कर दी। राष्ट्रपति ने शुक्रवार को उसकी दया याचिका खारिज कर दी तब कोर्ट को दूसरा डेथ वॉरंट जारी करना पड़ा। हालांकि, पूरी आशंका है कि नए डेथ वॉरंट के अनुसार 1 फरवरी को भी दोषियों को फांसी पर नहीं चढ़ाया जा सके क्योंकि अभी तीन दोषियों के पास दया याचिका दाखिल करने का विकल्प बचा हुआ है। अगर तीनों ने क्रमवार याचिका दाखिल की तो फांसी की सजा को अमल में लाने में लंबा वक्त लग सकता है। इस बीच पवन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर कानूनी विकल्पों के इस्तेमाल के अधिकार का एक और फायदा उठाने की कोशिश कर दी है।

निर्भया के पैरंट्स नाराज, दिल्ली हाई कोर्ट ने भी खिंचाई
निर्भया के माता-पिता दोषियों द्वारा कानूनी अधिकारों के दुरुपयोग का हवाला देकर कई बार नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। उनका कहना है कि दोषी जिस तरह कानूनी खामियों का नाजायज फायदा उठाते हैं, उससे किसी महिला को न्याय मिलना बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है। उन्होंने दोषियों को फांसी पर लटकाने में हो रही देरी के लिए राजनीति को भी जिम्मेदार ठहराया। निर्भया की मां आशा देवी ने शुक्रवार को केंद्र और दिल्ली सरकार पर निशाना साधा। वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने भी लचर जेल नियमों के लिए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है।

(एएनआई से इनपुट के साथ)

Source: National

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