नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध करके चर्चा में आए के मुखिया चंद्रशेखर आजाद ने जेल से छूटने के बाद कहा है कि वह सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर कानूनी और लोकतांत्रित तरीके से सरकार से लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएए के खिलाफ आंदोलन में निरकुंश यूपी पुलिस के बेगुनाहों की जान लेने से लोग खासकर मुस्लिम यूपी में डरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि भीम आर्मी जल्द ही यूपी में ही बड़ा आंदोलन छेड़ेगी। इसमें मुस्लिमों के आगे दलित रहेंगे और उनकी सुरक्षा करेंगे। जेल से छूटने के बाद शुक्रवार को सहारनपुर जाते समय चंद्रशेखर ने
एनबीटी से बात की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश….
सवाल: जेल से छूटने के बाद अब चंद्रशेखर और भीम आर्मी की भविष्य की रणनिति क्या होगी?
जवाब: सीएए के खिलाफ आंदोलन में निरकुंश पुलिस के बेगुनाहों की जान लेने से लोग खासकर मुस्लिम यूपी में डरे हुए हैं। भीम आर्मी जल्द यूपी में ही बड़ा आंदोलन छेड़ेगी। आंदोलन में मुस्लिम के आगे दलित रहेंगे और उनकी सुरक्षा करेंगे। पूरे प्रदेश में 1500 रैली की जाएगी। यूपी से उठी आवाज का संदेश पूरे देश में जाता है।
सवाल: आपको लगा है कि धारा 144 लागू होने के हालत में रैली करने की इजाजत मिलेगी?
जवाब: क्यों नहीं। आंदोलन से ही देश को आजादी मिली थी। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार हैं। रैली करने की परमिशन लेंगे। बीजेपी और सरकार की तरफ से सीएए के समर्थन में जगह-जगह रैली की जा सकती तो उसी तर्ज पर हमें भी रैली करने की परमिशन दी जाए। हम कानून के दायरे में रैली करेंगे। हमारा मकसद टकराव नहीं है।
सवाल: मारे गए लोगों से कई सियासी दल हमदर्दी दिखा रहे है, भीम आर्मी का रुख क्या है?
जवाब: सियासी बातों को छोड़िए। भीम आर्मी यूपी में पुलिस की गोली से मारे गए 22 लोगों के परिजनों और दूसरे पीड़ितों के घर दस्तक देगी। उनको कानूनी सहायता देगी। उनको इंसाफ दिलाने के लिए हर मृतक के मामले में व्यक्तिगत याचिका अदालत में दाखिल करेगी। इसको लेकर हाईकोर्ट में कुछ लोगों ने याचिका डाली भी है, उसपर भी हमारी नजर है। यानी हम कोर्ट से लेकर सड़क तक संघर्ष करेंगे।
सवाल: आप कैसे कह सकते हैं कि पुलिस की गोली से 22 लोग मारे गए, पुलिस इनकार कर रही है?
जवाब: बिजनौर में पहले मना किया बाद में पुलिस ने माना का उसकी गोली से युवक मरा है। मेरठ में नौ राउंड फायर रेकॉर्ड में दर्ज हैं। कानपुर पुलिस के फायरिंग करने का विडियो सबके सामने है। दरअसल, पुलिस बेलगाम थी। सीएम के बदला लेने जैसी भाषा से नौकरशाह निरकुंश हो गए थे। पुलिस को हत्या करने का हक नहीं है। हिंसा हुई, किसने की? क्यों की? इसकी जांच को सरकार के पास तमाम विंग हैं। सजा देने का काम अदालत का है।
सवाल: दलितों को मुस्लिमों के साथ संघर्ष में जोड़ने की भीम आर्मी की सोच क्या है?
जवाब: सीएए को आधार बनाकर एनआरसी को छिपा रहे हैं। सीएए और एनसीआर से मुस्लिमों से ज्यादा नुकसान दलित, पिछड़ों, घुमंतुओं आदि को होगा। 54 फीसदी दलितों हैं लेकिन उनके पास जमीन नहीं है। वह नागरिकता कहां से साबित करेंगे। सरकार खुद के दिए पासपोर्ट, राशन कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड को सबूत मानने से इनकार कर रही है। इसलिए दलितों को इस बारे में बताने के लिए गोष्ठी, प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे, विडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर जागरूक करेंगे।
सवाल: बात-बात पर पीएम नरेंद्र मोदी का अपमान करना क्या उचित है?
जवाब: पीएम मोदी का अपमान नहीं करने की मुझे हिदायत मिली है, लेकिन मैं उनका सम्मान बतौर संवैधिनक कुर्सी पर होने के नाते कर सकता हूं, व्यक्तिगत कभी नहीं। जो इंसान संविधान का पालन नहीं करता, उसके खिलाफ काम करता हो, ऐसे संवैधानिक पद पर बैठने वाले का सम्मान कैसे मुमकिन है।
सवाल: आरएसएस के इशारे पर सरकार पर काम करने की आपकी तोहमत क्या वाजिब है?
जवाब: आरोप नहीं, असलियत है यह। सरकार आरएसएस के अजेंडे पर काम कर रही है। सीएए के बाद जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने का आरएसएस का अजेंडा मोहन भागवत मुरादाबाद में बता गए हैं। यह आरएसएस का छद्म कदम है। आरएसएस हमेशा से संविधान विरोधी काम करता रहा है। देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की साजिश है। इसको हम कायमाब नहीं होने देंगे।
सवाल: सीएए के खिलाफ आवाज बुलंद करने को जनसमर्थन हासिल करने की क्या रणनीति होगी?
जवाब: मुस्लिमों को जोड़ने के लिए उनके तमाम प्रमुख संगठनों के साथ जल्द बैठेंगे। देश के संविधान और खुद के अस्तित्व को बचाने के लिए एक ठोस रणनीति के साथ लोकतांत्रिक तरीके से लड़ाई लड़ेंगे। दलित, मुस्लिम और असहाय लोग इस संयुक्त लड़ाई का हिस्सा होंगे।
सवाल: मुसलमानों पर पाकिस्तान परस्त होने के आरोप से आप कहां तक सहमत हैं?
जवाब: ऐसा आरोप लगाने वाले कभी दिमाग और दिल से सोचें कि जिस कौम के लोग भारत में रहने और पाकिस्तान नहीं जाने के लिए अपनी जान दे रहे हैं, वे भला पाकिस्तान परस्त कैसे हो सकते हैं? संघ और बीजेपी ने साजिश के तहत मुस्लिमों को बदनाम करने के लिए दुष्प्रचार किया हुआ है।
सवाल: आपको ही बार-बार गिरफ्तार क्यों किया जाता है?
जवाब: 2017 के बाद किसी भी चुनाव के वक्त बाद जब-जब मैं जेल से बाहर रहा बीजेपी हारी, इसलिए मुझे जेल में रखने या चुनावी इलाके से दूर करने की साजिश रहती है। बीजेपी के इशारे पर सरकार करती है।
Source: National