रमन ने 21 फरवरी से आठ मार्च तक खेले जाने वाले इस टूर्नमेंट के बारे में कहा, ‘मैं अपनी टीम की दावेदारी को लेकर सकारात्मक हूं। मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता हूं लेकिन मुझे लगता है हमारे पास अच्छा मौका है।’
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‘द विनिंग सिक्सर-लीडर्स लेसन टू मास्टर्स’ किताब के लॉन्च पर यहां कहा, ‘टीम में अभी जिस चीज की जरूरत है, वह है भावनात्मक संतुलन बनाना। स्कोरकार्ड में अचानक से बदलाव से लय प्रभावित होती है, इससे दोनों तरह की भावनाएं (सकारात्मक और नकारात्मक) उभर सकती है। अगर वे बीच का रास्ता चुनने में सफल रहे तो इससे हमारी सफलता का मौका बढ़ेगा।’
भारतीय टीम को युवा सनसनी शैफाली से काफी उम्मीदें होगी जिन्होंने बीते नवंबर में सबसे कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक लगाने का सचिन तेंडुलकर का भारतीय रेकॉर्ड तोड़ा था। रमन ने कहा कि शैफाली की तुलना आक्रामक वीरेंदर सहवाग से की जाती है जिनके पास इसे साबित करने का मौका होगा।
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उन्होंने कहा, ‘उन्होंने हर किसी की सोच को बदल दिया है। अब इसे साबित करना उनकी जिम्मेदारी है। सहवाग ने भी खुद की काबिलियत समझने के बाद बल्लेबाजी की पूरी शैली को बदल दिया। वह भी सहवाग की तरह सीखेंगी कि खेल को कैसे आगे बढ़ाना है। अच्छी बात यह है कि उन्होंने साबित किया है कि वह इस स्तर पर प्रदर्शन कर सकती हैं।’
Source: Sports