बच्चों की वजह से बदल दिया फैसलाकुमार ने कहा, ‘क्या है यह सब? बस खत्म करते हैं।’ उन्होंने कहा कि मुझे अहसास हुआ कि मेरे फूल जैसे बच्चे हैं, मैं ऐसा करके उन्हें नरक में नहीं डाल सकता। इसके बाद मैंने अपना इरादा बदल लिया। प्रवीण कुमार ने भारतीय टीम के साथ-साथ आईपीएल में भी कई फ्रैंचाइजी टीमों के साथ खेला है। हालांकि वह अपने व्यवहार के चलते कई बार सुर्खियों में रह चुके हैं।
अपने विचारोें पर नहीं था कंट्रोल
कुमार ने कहा, ‘भारत में डिप्रेशन का कॉन्सेप्ट ही कहां होता है? इसके बारे में कोई नहीं जानता और मेरठ में बिलकुल भी नहीं। मैं किसी से बात नहीं कर सकता था, मुझे हमेशा चिढ़चिढ़ापन महसूस होता था। मैंने अपने कॉउन्सलर को बताया कि मैं अपने विचारों पर नियंत्रण नहीं कर पा रहा हूं।’
एक झटके में सबकुछ बदल गया था
उन्होंने कहा, ‘मैं अच्छी गेंदबाजी कर रहा था। इंग्लैंड में सबने मेरी तारीफ की। मैं टेस्ट करियर के बारे में सोचने लगा था। अचानक सब कुछ गया। मुझे लगा कि सबने ही सोचा कि पीके रिटायर्ड हो गया था, वह फ्री नहीं है। क्या किसी को पता है कि उत्तर प्रदेश रणजी टीम के पास कोई बोलिंग कोच नहीं है? मुझे टीम के साथ होना चाहिए था ना कि यहां मेरठ में बैठा होना चाहिए था।’
…लेकिन अब पीके वापस आएगा
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा, ‘कुछ महीने पहले तक मुझे अपने आप से डर लगता था। बुरे वक्त का आप पर यही असर होता है। अगर कोई मेरे फोन का जवाब नहीं देता था तो मुझे बहुत बुरा लगता था। मैं खुद को निगलेक्टेड समझता था। यह मुझे अंदर ही अंदर खा जाता था। अच्छी बात यह है कि बुरा वक्त बीत चुका है। पीके फिर वापस आएगा।’
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