मुख्यमंत्री के सांगली दौरे में एक ऐसी घटना घटी, जिसकी जिसकी काफी चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री सांगली के वालवा तहसील में मुख्य प्रशासकीय इमारत का उद्घाटन करने गए थे। उद्घाटन करने के बाद जब मुख्यमंत्री इमारत का मुआयना करते हुए तहसीलदार के लिए बने कक्ष में पहुंचे, तो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को तहसीलदार की कुर्सी पर बैठाया गया। मुख्यमंत्री कुर्सी पर बैठ तो गए, लेकिन जैसे ही उन्हें समझ आया कि यह कुर्सी तहसीलदार की है, वह उस पर से उठ गए।
‘यह कुर्सी तुम्हारी है’
सीएम तहसीलदार की कुर्सी से उठे और तमाम नेताओं और बड़े अफसरों की भीड़ में पीछे खड़े तहसीलदार रवींद्र सबनीस के पास पहुंचे। सीएम तहसीलदार को अपने साथ कुर्सी तक लाए। मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा, ‘आप ही तहसीलदार हैं न? फिर यह कुर्सी तुम्हारी है, आप ही इस पर बैठिए।’
उद्धव का सौम्य बर्ताव
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस सहज और सौम्य बर्ताव को देखकर हर किसी ने उनकी तारीफ की है, लेकिन मजा तो तब आया, जब कलेक्टर अभिजित चौधरी, मंत्री, राज्यमंत्री की उपस्थिति में मुख्यमंत्री के आग्रह पर भी शिष्टाचार के नाते तहसीलदार सबनीस कुर्सी पर बैठने को तैयार नहीं थे। तहसीलदार सबनीस ने नम्रता से कहा कि वह कैसे बैठ सकते हैं? तब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘यह इमारत आपकी है, यहां के प्रमुख अधिकारी के रूप में आपको काम करना है, यह कुर्सी आपकी है, इस कुर्सी पर मैं खुद तुम्हें बैठा रहा हूं। ‘
तहसीलदार बैठे कुर्सी पर
आखिरकार तहसीलदार रवींद्र सबनीस को कुर्सी पर बैठना पड़ा और मुख्यमंत्री उनके बगल में खड़े रहे। बाद में मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि तहसील कार्यालय में आने वाले आम लोगों के साथ भी अधिकारी अच्छा व्यवहार करेंगे, उन्हें यथोचित सम्मान देंगे।
सबनीस से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री तो उद्घाटन करके चले भी गए, लेकिन तब से जब-जब मैं इस कुर्सी पर बैठता हूं, मुझे लगता है मुख्यमंत्री मेरे पास खड़े हैं।’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का सौम्य सहज व्यवहार और उनके द्वारा दिए गए सम्मान से सिर्फ मैं ही नहीं, समूचे कर्मचारी अभिभूत है, यह सम्मान हमें अपना काम पूरी जिम्मेदारी से करने के लिए प्रेरित करता रहेगा।
Source: National