चंद्रयान क्रैश वाले दिन पर मोदी ने खोला राज़

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छात्रों और उनके पैरंट्स के साथ संवाद करते हुए ‘परीक्षा पे चर्चा’ कर रहे हैं। दिल्ली के तालकटोरा इनडोर स्टेडियम में यह इवेंट चल रहा है जिसमें पीएम ने छात्रों को विफलता से निपटने के लिए छात्रों को गुरुमंत्र भी दिए। इस दौरान उन्होंने चंद्रयान की विफलता से सीखने का सुझाव भी दिया। उन्होंने बताया कि विफलताओं में भी सफलता की शिक्षा पायी जा सकती है। उन्होंने छात्रों से सीक्रेट शेयर करते हुए उन्हें वहां जाने से मना किया गया था। वैज्ञानिकों के मायूस चेहरे को देखकर वह रातभर सो नहीं पाए।

परीक्षा पे चर्चा के दौरान पीएम मोदी छात्रों के सवालों का जवाब दे रहे हैं। इस दौरान राजस्थान के स्वामी विवेकानंद गवर्नमेंट मॉडल स्कूल की कक्षा 10वीं की छात्रा यश श्री ने पीएम मोदी से पूछा कि बोर्ड एग्जाम का नाम सुनते ही उनका मूड खराब हो जाता है। से निकलने से टिप्स बताइए। इस पर पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं सोच रहा था कि नौजवानों का मूड ऑफ तो होना ही नहीं चाहिए था।’

‘सब मन लगाकर चंद्रयान देख रहे थे’
पीएम मोदी ने इसके बाद चंद्रयान का उदारहण दिया। उन्होंने कहा, ‘आप सब रात को जाग रहे थे, चंद्रयान को भेजने में कोई योगदान नहीं था लेकिन आप मन लगाकर बैठे कि आपने ही किया हो। जब नहीं हुआ तो आप सबके सब पूरा देश डिमोटिवेट (हतोत्साहित) हो गया था। कभी-कभी विफलता हमको ऐसा कर देती है। उस दिन मैं भी वहां मौजूद था।’

पीएम मोदी ने शेयर किया सीक्रेट
पीएम मोदी ने कहा, ‘आपको सीक्रेट बताता हूं कि कुछ लोगों ने मुझसे कहा था कि आपको इस कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए थे, इसमें श्योरिटी नहीं है। आप जाएंगे और फेल हो गया तो क्या करोगे, मैंने कहा था इसीलिए मुझे जाना चाहिए। और जब लास्ट कुछ मिनट थे मैं देख रहा था वैज्ञानिकों के चेहरों पर बदलाव दिख रहा है, तनाव दिख रहा है, मुझे लग रहा था कि कुछ अनहोनी हो रही है, फिर थोड़ी देर में आकर मुझे बताया, मैंने कहा कि ठीक है कि आप ट्राई करिए फिर 10 मिनट बाद बताया नहीं हो रहा है।’

उस रात चैन से सो नहीं पाए थे पीएम
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं कुछ वैज्ञानिकों के साथ बैठा, चर्चा की। फिर चक्कर लगाया, रात को करीब 3 बजे मैं अपने होटल पर गया। मैं चैन से बैठ नहीं पाया। सोने का मन नहीं करता था। हमारी पीएमओ की टीम अपने कमरे में चली गई थी। आधा-पौन घंटा ऐसे ही बिताया, मैं चक्कर काट रहा था मैंने सबको बुलाया। मैंने कहा कि देखिए सुबह हमको जाना है, सुबह हम जल्दी नहीं जाएंगे, देर से जाएंगे।’

अगले दिन पीएम ने वैज्ञानिकों की हौसलाअफजाई की
पीएम मोदी ने बताया, ‘वैज्ञानिक 7-7.30 एकत्र हो सकते थे, मैं मिलना चाहता था, मैं चला भी जाता, देश में कोई नोटिस भी नहीं करता, मैं खुद को समझा नहीं पा रहा था। इसलिए मैंने वैज्ञानिकों को इकट्ठा किया, मैंने अपनी बात कही, उनके परिश्रम को जितनी सराहना की जा सकी थी किया। सराहा। एक पूरा माहौल बदल गया, पूरे देश का माहौल बदल गया। बाद में क्या हुआ आपने टीवी पर देखा है।’

‘विफल होने का मतलब सफलता की ओर निकल पड़े हैं’
पीएम ने बताया कि कहने का मतलब यह है कि हम विफलताओं में भी सफलता की शिक्षा पा सकते हैं। हर प्रयास में हम उत्साह भर सकते हैं और किसी चीज में आप विफल हो गए, इसका मतलब रहे कि आप सफलता की ओर चल पड़े हैं। अगर वहीं रुक गए फिर तो कितनी भी ट्रैक्टर लगा दो, आप नहीं निकल सकते हो। ये खुद तय करो कि आप निकल सकते हो।

Source: National

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