के राजगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ताओं ने रविवार को () के समर्थन में एक रैली निकाली। रैली के दौरान हंगामा बढ़ा और बीजेपी वर्कर्स अभद्रता पर उतर आए। राजगढ़ की डेप्युटी कलेक्टर स्थितियों पर नियंत्रण के लिए टीम के साथ तैनात थीं। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनके बाल खींचे और धक्कामुक्की भी की। प्रिया से
एनबीटी ऑनलाइन ने बातचीत की। वह कहती हैं कि जब मैं उन्हें समझा रही थी तभी किसी ने मुझे पीछे से लात भी मारी थी।
ने सरकार के समर्थन में काम करने का आरोप लगाया है, वहीं ने आपका समर्थन किया है…इस पर प्रियंका कहती हैं, ‘मैं सिर्फ अपना काम कर रही थी। मुझे मैजिस्ट्रेट की ड्यूटी निभानी थी। मैं किसी के भी पॉलिटिकल अजेंडे में शामिल नहीं हूं। यदि आप विरोध रैली निकाल रहे हैं तो भी मेरा कर्तव्य बनता है कि मैं स्थितियों को काबू में रखूं, समर्थन रैली में भी हमारी यही कोशिश रहती है।’
‘पीठ पर किसी ने लात मारी थी’प्रिया ने कहा, ‘कार्यकर्ताओं ने कोई बात नहीं मानी। धारा 144 लागू थी लेकिन ये लोग 19 तारीख को ही रैली निकालने पर अड़ गए। इनके बड़े नेताओं के घर जाकर हमने बात की। हमने इनसे 116 के बॉन्ड भी भरवाए थे लेकिन इन लोगों ने हुड़दंग मचाया। इन्होंने कार्यपालक मैजिस्ट्रेट और मेरे कपड़े खींचे। हमने इन कार्यकर्ताओं से कहा कि थाने चलिए, वहां बात की जाए लेकिन ये लोग खुद को छुड़वाकर भाग रहे थे। किसी ने मेरी पीठ पर बहुत तेजी से लात मारी थी।’
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‘लोगों को हम समझाने में जुटे थे’राजगढ़ की डेप्युटी कलेक्टर प्रिया कहती हैं, ‘हम रविवार को हुई घटना से पहले ही लोगों को समझाने में जुटे थे कि वे रैली में शामिल न हों। हम मैजिस्ट्रेट हैं तो हमारा दायित्व बनता है कि शांति व्यवस्था बनी रहे। प्रशासन की ओर से रैली निकालने की इजाजत नहीं दी गई थी। दरअसल, पिछले वर्ष 26 जनवरी को खुजनेर में कानून व्यवस्था की बहुत बड़ी घटना हो गई थी। इसी वजह से इजाजत नहीं दी गई। कहा गया था कि रैली 26 जनवरी के बाद निकालिए क्योंकि हम राष्ट्रीय पर्व की तैयारियों में जुटे हुए थे। इनसे पहले भी दो रैलियां निकली हैं, जो शांतिपूर्वक ढंग से निकलवाई गई थीं।’
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कई पदों पर दे चुकी हैं सेवा
प्रिया कहती हैं, ‘मैंने 2014 में पीएससी पास किया था। उसका रिजल्ट 2017 में आया। मैंने उज्जैन की भैरूगढ़ जेल में बतौर असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट जेल के रूप में जॉइन किया था। इसके बाद 2015 के पीएससी में मैंने 10वीं रैंक हासिल की, मुझे डीएसपी की पोस्ट मिली थी। वर्ष 2016 में डेप्युटी कलेक्टर में वेटिंग में नाम था। 2017 में मुझे चौथी रैंक मिला, जहां से मुझे डेप्युटी कलेक्टर की रैंक राजगढ़ में मिली। अब मैं आईएएस की तैयारी कर रही हूं।’
‘गालीगलौच करते हुए शख्स आगे आया…’डेप्युटी कलेक्टर कहती हैं, ‘मेरी ड्यूटी पॉइंट पर सारी जिम्मेदारी मेरी बनती है। मैं भीड़ को तितर-बितर कर रही थी। मैंने लोगों से कहा कि आप लोग आगे न जाइए, वहीं बैठ जाइए, लोगों ने बात भी मान ली। इसी दौरान एक शख्स पीछे से गालीगलौच करते हुए आगे आया। हमने उसे संभालने की कोशिश की, उसके अपशब्दों की वजह से उसे थप्पड़ मारे थे। इसके बाद लोगों ने मेरे साथ अभद्रता करना शुरू कर दिया।’
Source: National