ज्ञानवापी मस्जिद के पुरातात्विक सर्वेक्षण पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने जताई कोर्ट में आपत्ति

विकास पाठक, वाराणसी
वाराणसी सिविल जज सुधा यादव की कोर्ट में मंगलवार को एवं परिसर का कराने पर आपत्ति दाखिल की गई। इसी के साथ संबंधित मुकदमे की सुनवाई स्‍थगित करने का अनुरोध किया गया है। इस पर कोर्ट 3 फरवरी को सुनवाई करेगी।

स्‍वयंभू ज्‍योतिर्लिंग भगवान विश्‍वेश्‍वर की ओर से पंडित सोमनाथ व्‍यास व अन्‍य की ओर से ज्ञानवपी में नए मंदिर के निर्माण तथा हिंदुओं को पूजा-पाठ का अधिकार देने आदि को लेकर दायर मुकदमे की सुनवाई 22 साल बाद शुरू हुई है। इस क्रम में पूरे ज्ञानवापी परिसर का भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) से सर्वेक्षण कराने की अर्जी पर विपक्षी की ओर से प्रतिवाद दाखिल किया गया। प्रकरण से संबंधित हाईकोर्ट में लंबित याचिका का हवाला देते हुए अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने सुनवाई स्‍थगित करने की भी अर्जी दी है।

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वाद मित्र ने की थी पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की मांग
बता दें कि कोर्ट की ओर से नियु‍क्‍त वाद मित्र विजय शंकर रस्‍तोगी की ओर से कोर्ट में दी गई अर्जी में कहा गया है कि ज्ञानवापी परिसर में स्‍वयंभू विश्‍वेश्‍वरनाथ का शिवलिंग आज भी स्‍थापित है। मंदिर परिसर के हिस्‍सों पर मुसलमानों ने आधिपत्‍य करके मस्जिद बना दी थी। 15 अगस्‍त 1947 को भी विवादित परिसर का धार्मिक स्‍वरूप मंदिर का ही था। अर्जी में पूरे परिसर में समय-समय पर हुए परिवर्तन के साक्ष्‍य एकत्रित करने और धार्मिक स्‍वरूप तय करने के लिए पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग से रेडार तकनीक से सर्वेक्षण तथा खोदाई कराकर रिपोर्ट मंगाने की अपील की है।

Source: International

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