हाई कोर्ट ने मंदिर के ध्वस्तीकरण पर लगाई रोक, कहा- किराएदारों को सुनना जरूरी

प्रयागराज
इलाहाबाद ने ठाकुर राधाकृष्ण जी मंदिर, बांदा (उत्तर प्रदेश) के पर रोक लगा दी है। ने अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका परिषद बांदा की तकनीकी रिपोर्ट पर मंदिर के किरायेदारों की दो हफ्ते में आपत्ति लेकर चार हफ्ते में सुनवाई का अवसर देकर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अंतिरिम आदेश निर्णय लिए जाने तक प्रभावी रहेगा।

यह आदेश जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अजित कुमार की खंडपीठ ने उमेश चन्द्र जैन और बसीर अहमद की याचिका पर दिया है। मालूम हो कि मंदिर प्रबंधन ने मंदिर की जर्जर और खतरनाक स्थिति को देखते हुए ध्वस्त करने की अनुमति मांगी थी। सिटी ने इसपर कार्यवाही शुरू की। मंदिर में रह रहे किरायेदारों ने तकनीकी रिपोर्ट पर आपत्ति की लेकिन आपत्ति निस्तारित किए बिना ही ध्वस्तीकरण कार्रवाई का आदेश पारित किया गया।

याची का कहना था कि उन्हें सुनवाई का अधिकार है। मंदिर को खाली कराने के लिए ध्वस्तीकरण किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि यदि भवन ध्वस्त किया जाना है तो किरायेदारों को सुनना जरूरी है। उन्हें सुनकर ही अंतिम आदेश पारित किया जाए।

Source: International

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