के भविष्य को लेकर अब भी तस्वीर साफ नहीं है। इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि भारतीय टीम प्रबंधन सीमित ओवरों के प्रारूप में अब भी धोनी का विकल्प नहीं तलाश पाया है। मौजूदा हालात को देखते हुए यह सवाल अभी कायम रहने की उम्मीद है।
धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से 2014 में संन्यास का ऐलान कर दिया गया था। तब से लेकर अभी तक भारतीय टीम टेस्ट क्रिकेट में पांच विकेटकीपर आजमा चुकी है। इस लिस्ट में को सबसे ज्यादा मौके मिले और उन्हें इस प्रारूप में भारतीय टीम प्रबंधन की पहली पसंद भी माना जा रहा है।
भारतीय विकेटकीपर (महेंद्र सिंह धोनी के 30 दिसंबर 2014 को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद विकेटकीपर्स का प्रदर्शन)
मैच | रन/औसत | 50s/100s | कैच/स्टंपिंग | हर मैच में शिकार | |
ऋद्धिमान साहा | 34 | 1126/32.17 | 5/3 | 88/11 | 1.5 |
नमन ओझा | 1 | 56/28.00 | 0/0 | 4/1 | 2.5 |
पार्थिव पटेल | 5 | 251/35.85 | 2/0 | 21/2 | 2.3 |
दिनेश कार्तिक | 3 | 25/5.00 | 0/0 | 6/1 | 1.4 |
ऋषभ पंत | 11 | 754/44.35 | 2/2 | 51/2 | 2.409 |
वनडे इंटरनैशनल की बात करें तो कप्तान विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हालिया सीरीज मे लोकेश राहुल को विकल्प के रूप में आजमाया और उनकी शुरुआत तो अच्छी ही रही है। कोहली ने संकेत दिया कि मध्यक्रम के बल्लेबाज और विकेटकीपर की दोहरी भूमिका के रूप में लोकेश राहुल को फिलहाल कुछ वक्त तक आजमया जाएगा इसका अर्थ यह है कि टीम में विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में और संजू सैमसन के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं। इनके अलावा केएस भरत और ईशान किशन जैसे खिलाड़ी भी वेटिंग लिस्ट में हैं।
भारतीय विकेटकीपर्स का प्रदर्शन (धोनी के आखिरी वनडे इंटरनैशनल, 10 जुलाई 2019 के बाद से)
मैच | रन/औसत | 50/100 | कैच/स्टंपिंग | हर पारी में शिकार | |
ऋषभ पंत | 7 | 165/27.50 | 1/0 | 2/1 | 0.428 |
केएल राहुल | 2 | 99/49.50 | 1/0 | 4/1 | 2.5 |
भारतीय विकेटकीपर्स का प्रदर्शन (धोनी के आखिरी T20I इंटरनैशनल, 27 फरवरी 2019 के बाद से)
मैच | रन/औसत | 50/100 | कैच/स्टंपिंग | हर पारी में शिकार | |
ऋषभ पंत | 13 | 177/22.12 | 1/0 | 4/4 | 0.666 |
केएल राहुल | 1 | 6/6.00 | 0/0 | 0/1 | 1 |
नयन मोंगिया ने जब संन्यास लिया था तब भारतीय टीम ने उस दौर में कई विकेटकीपर आजमाए थे। तब एमएसके प्रसाद, सबा करीम, विजय दाहिया, समीर दीघे, दीप दासगुप्ता, अजय रात्रा, राहुल द्रविड़, पार्थिव पटेल और दिनेश कार्तिक को आजमाया था, तो क्या टीम इंडिया अब फिर उस दिशा में जा रही है। भारत ने उस दौरान 16 महीने में पांच विकेटकीपरों को आजमाया। इसके बाद धोनी ने अपनी जगह पक्की की। और जैसाकि कोहली कह चुके हैं कि केएल राहुल की मौजूदा भूमिका वही है जो राहुल द्रविड़ की 2003 वर्ल्ड कप के दौरान थी।
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