पिछले कई दिनों बगावती तेवर अपनाए जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नागरिकता संशोधन कानून को वापस नहीं लेने के बयान पर निशाना साधा है। पीके ने कहा कि नागरिकों के असहमति की आवाज की उपेक्षा करना किसी भी सरकार की मजबूती का प्रतीक नहीं है। उन्होंने शाह से सवाल किया कि वह सीएए के बाद एनआरसी को क्यों लागू नहीं कर रहे हैं जबकि उन्होंने इसे ‘क्रोनोलॉजी’ में लागू करने का ऐलान किया था।
पीके ने कहा, ‘नागरिकों की असहमति के प्रति उपेक्षा का भाव रखना किसी भी सरकार के लिए मजबूती के संकेत नहीं हैं। अमित शाह अगर आप उन लोगों की परवाह नहीं करते हैं जो सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं तो आप क्यों सीएए और एनआरसी को क्रोनोलॉजी (एक के बाद एक) में लागू नहीं कर रहे हैं जिसका आपने बड़े ताव में आकर देश के सामने ऐलान किया था।’
इससे पहले अमित शाह ने कहा था कि विरोध के बाद भी वह नागरिकता संशोधन कानून को वापस नहीं लेंगे। शाह ने कहा था, ‘मैं आज डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे, CAA वापस नहीं होने वाला है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं वोट बैंक के लोभी नेताओं को कहना चाहता हूं, आप इनके कैंप में जाइए, कलतक जो सौ-सौ हेक्टेयर के मालिक थे, वे आज एक छोटी सी झोपड़ी में परिवार के साथ भीख मांगकर गुजारा कर रहे हैं।’
एसपी-बीएसपी-कांग्रेस, टीएमसी पर वार
गृहमंत्री ने कहा, ‘देश में भ्रम फैलाया जा रहा है, दंगे कराए जा रहे हैं, आगजनी फैलाई जा रही है, यह धरना प्रदर्शन, यह विरोध, यह भ्रांति एसपी-बीएसपी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस फैला रही है। इसमें किसी की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है। इस बिल के अंदर नागरिकता देने का प्रावधान है।’ बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पहले भी कई बार प्रशांत किशोर ने पार्टी से अलग सुर अलाप चुके हैं।
सीएए और एनआरसी के खिलाफ हैं पीके
इतना ही नहीं पिछले दिनों पीके ने सीएए और एनआरसी के मुद्दे के खिलाफ आवाज उठाने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को बधाई तक दे दी थी। बता दें कि प्रशांत शुरू से ही नागरिकता कानून के खिलाफ राय रखते आए हैं। उन्होंने पिछले दिनों इशारों में सीएम नीतीश कुमार से भी इस बारे में राय स्पष्ट करने के लिए कहा था। इसके बाद नीतीश ने कहा था कि सीएए पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। नीतीश ने ऐलान किया है कि वह बिहार में एनआरसी लागू नहीं करेंगे।
Source: National