वानखेड़े में ट्रिपल सेंचुरी जड़ने के ऐहसास के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘बगल में ही आजाद मैदान है जहां मैंने अपनी आधी जिंदगी क्रिकेट खेलकर गुजारी है। मैं जब भी वानखेड़े स्टेडियम को देखता था तो मैं सोचता था कि एक दिन ऐसा भी आएगा कि एक दिन लोग मुझे इस मैदान में जोर-जोर से चियर करेंगे। आज वह दिन आ भी गया। हालांकि मुझे ऐसा नहीं लगा था कि ट्रिपल सेंचुरी बना पाऊंगा।’
मुंबई के पिछले ट्रिपल सेंचुरियन थे रोहितप्रथम श्रेणी क्रिकेट में छठे नंबर पर खेलते हुए किसी प्रथम श्रेणी बल्लेबाज ने सिर्फ तीसरी बार तिहरा शतक जड़ा है। रणजी ट्राफी के इतिहास में वह करुण नायर के बाद छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए तिहरा शतक जड़ने वाले सिर्फ दूसरे बल्लेबाज हैं। सरफराज से पहले मुंबई की ओर से पिछला तिहरा शतक दिग्गज बल्लेबाज रोहित शर्मा (2009 में 309 रन) ने जड़ा था।
29 साल बादरणजी ट्रोफी में ट्रिपल सेंचुरी बनाने वाले मुंबई के कुल 8वें बल्लेबाज बने हैं सरफराज। उन्होंने जिस वानखेड़े स्टेडियम में नॉटआउट 301 रन की पारी खेली, उस मैदान में 1991 के बाद यह पहला मौका है जब मुंबई के लिए किसी बल्लेबाज ने ट्रिपल सेंचुरी जड़ी। इस मैदान में ट्रिपल सेंचुरी बनाने वाले मुंबई के पिछले बल्लेबाज संजय मांजरेकर थे जिन्होंने 377 रन की कप्तानी पारी हैदराबाद के खिलाफ रणजी ट्रोफी के सेमीफाइनल मैच में खेली थी।
देखने को मिला करिश्माऐसा बहुत कम होता है कि चार दिन के फर्स्ट क्लास मैच में कोई टीम 600 प्लस का स्कोर खड़ा करने के बावजूद पहली पारी में बढ़त लेने में नाकाम रहे। यह दुर्लभ घटना मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में मुंबई-यूपी मैच में घटी। यूपी ने अपनी पहली पारी 625/8 के स्कोर पर घोषित कर दी थी। बुधवार को 353/5 के स्कोर से आगे खेलने उतरी मुंबई टीम को पहली पारी की बढ़त दिलाने का काम किया 22 साल के सरफराज की साहसिक पारी ने।
सहवाग की स्टाइल में 250 और 300
उन्होंने 633 मिनट की बैटिंग में फर्स्ट क्लास करियर की पहली ट्रिपल सेंचुरी जड़ने के साथ ही मुंबई के लिए मैच से 3 पॉइंट्स सुनिश्चित किए। सरफराज ने अपने 250 और 300 रन सिक्स जड़कर पूरे किए। मुंबई ने इस युवा बल्लेबाज की ट्रिपल सेंचुरी पूरी होते ही अपनी पहली पारी 688/7 के स्कोर पर घोषित कर दी जिसके बाद अंपायर्स ने दोनों कप्तानों की सहमति से मैच ड्रॉ घोषित कर दिया।
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