चीफ जस्टिस ने अदालतों में भीड़भाड़ का लिया संज्ञान

नई दिल्लीभारत के (सीजेआई) एस. ए. बोबडे ने बुधवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ 140 से याचिकाओं की सुनवाई के दौरान अदालत के कमरे में भीड़भाड़ को संज्ञान में लिया और कहा कि इस संकट से निपटने के लिए एक व्यवस्था बनाने की जरूरत है।

सीजेआई और न्यायमूर्ति एस. ए. नजीर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ सीजेआई की खचाखच भरी अदालत में बैठे थे, और जब वह वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलों को नहीं सुन पाए तो उन्होंने अपनी अप्रसन्नता व्यक्त की। पीठ ने कहा, ‘भीड़भाड़ एक गंभीर समस्या बन गई है और इससे धक्का-मुक्की की घटनाएं होती हैं।’

इस पर सीएए मामले में केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा, ‘इस समस्या का सामना हम न केवल अदालतों में, बल्कि गलियारों में भी कर रहे हैं।’ सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई शुरू करने से पहले सीजेआई ने कहा कि वह भीड़भाड़ और शोर-शराबे की समस्या का समाधान खोजने के लिए जल्द ही अग्रिम पंक्ति में बैठे वरिष्ठ वकीलों की बैठक बुलाएंगे।

वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह और राजीव धवन ने अदालतों में गरिमा बनाए रखने के लिए और धक्का-मुक्की रोकने के लिए कुछ सुझाव दिए। सिब्ब्ल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन (एससीबीए) को इस मामले में शामिल किया जा सकता है, ताकि वकीलों द्वारा नियमों और अनुशासन को सुनिश्चित किया जा सके।

Source: National

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