जब पूरे देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर बहस चल रही है, चिल्कुर बालाजी मंदिर के मुख्य पुजारी ने की है। मुख्य पुजारी सीएस रंजराजन का कहना है कि प्रसिद्ध चिल्कुर बालाजी मंदिर के भगवान वेंकटेश्वर को भी नागरिकता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हर भगवान को नाबालिग माना जाता है और इसलिए उन्हें कोर्ट में पुजारी, ट्रस्टी या एग्जिक्युटिव ऑफिसर के जरिए पेश जाना चाहिए।
रंगराजन ने कहा, ‘नागरिकता संशोधन कानून सेक्शन 5(4) के तहत एक नाबालिग भी नागरिकता का हकदार होता है तो इस प्रावधान के तहत सभी मंदिरों के देवताओं को भी नागरिकता दी जा सकती है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘सभी हिंदू देवता जैसे तिरुमला में वेंकटेश्वर स्वामी, सबरीमाला में अयप्पा स्वामी और केरल में पद्मनाभस्वामी को सीएए के सेक्शन 5(4) के तहत एक आम नागरिक की तरह रजिस्टर किया जाए।’
रंगराजन ने सबरीमाला मंदिर मामले में फैसले को एक हिंदू देवता की धार्मिक आजादी के लिए खतरा बताया है। रंगराजन ने कहा, ‘संवैधानिक प्रावधानों और न्यायिक फैसलों के बावजूद, अव्यवस्था के बहाने हिंदू मंदिर, धार्मिक स्थल और चैरिटेबल संस्थाओं की बागडोर नियमित रूप से राज्य को दी जा रही है जबकि दूसरे धार्मिक स्थलों को उनके समुदाय के लोगों खुद ही व्यवस्थित और देखरेख करते हैं।’
रंगराजन ने कहा, ‘यह संविधान के आर्टिकल 26 के तहत नागरिकों के सभी सेक्शन के लिए समानता के अधिकार का उल्लंघन है।’ रंगराजन ने बताया कि मंदिर संरक्षण अभियान (टीपीएम) दूसरी संस्थाओं के साथ मिलकर क्षेत्र के अलग-अलग हिस्से में स्थित ऐतिहासिक रंगनाथ स्वामी मंदिर में विशेष पूजा के आयोजन की योजना बना रहे हैं।
Source: National